राष्ट्रीय समसामयिकी 1(20-June-2022)
प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्मित श्री कालिका माता मंदिर का उद्घाटन किया
(PM inaugurates renovated Shri Kalika Mata Temple)

Posted on June 20th, 2022 | Create PDF File

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पंचमहल जिले के पावागढ़ हिल में पुनर्निर्मित श्री कालिका माता मंदिर का उद्घाटन किया।

 

उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर में पूजा भी की।

 

श्री मोदी द्वारा मंदिर के ऊपर पूर्ण मस्तूल पर एक 'ध्वजा' खड़ा किया गया था।

 

इस राजसी महाकाली मंदिर का गर्भगृह सोने से बना है।

 

यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।

 

प्रधानमंत्री ने लोगो से कहा कि यह मंदिर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का भी प्रतिनिधित्व करता है।

 

प्रधानमंत्री ने मंदिर के दर्शन करने में सक्षम होने के लिए भगवान को धन्यवाद दिया।

 

उन्होंने इस घटना के महत्व पर जोर दिया, जब पवित्र ध्वज, पांच शताब्दियों के बाद और आजादी के 75 साल बाद भी मंदिर पर फहराया गया था।

 

उन्होंने यह भी समझाया कि यह 'शिखर ध्वज', इस वास्तविकता का प्रतीक है कि सदियां बीत जाती हैं, युग बीत जाते हैं, फिर भी धर्म कायम रहता है।

 

श्री मोदी ने कहा कि 'गरवी गुजरात' भारत के गौरव और प्रतिष्ठा का पर्याय है, और पावागढ़ भारत की ऐतिहासिक विविधता के साथ विश्वव्यापी सद्भाव का केंद्र रहा है।

 

श्री मोदी के अनुसार, यह शिखर ध्वज न केवल हमारी आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि परिवर्तन की सदियों में आस्था का शिखर शाश्वत है।

 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अनुसार गुजरात सरकार ने राज्य में तीर्थ पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण किया है।

 

पावागढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र पटेल का अनुमान है कि हर साल लगभग दो करोड़ लोग मंदिर जाते हैं। 125 करोड़ रुपये की लागत से इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।

 

प्रधानमंत्री ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' के दौरान कहा कि गुजरात ने देश के स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

उनका दावा है कि 'गरवी गुजरात' भारत के गौरव और महानता से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर की महान परंपरा में हमारे इतिहास के गौरव के लिए पंचमहल और पावागढ़ लगातार लड़ते रहे हैं।