विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामियिकी 1 (31-July-2020)
पर्सविरन्स (PERSEVERANCE)

Posted on July 31st, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में, नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा यूनाइटेड लॉन्च एलायंस के शक्तिशाली रॉकेट एटलस-5 (Atlas V) से मंगल 2020 पर्सविरन्स (PERSEVERANCE) रोवर को प्रक्षेपित किया गया है।इस मिशन को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन से लांच किया गया।यह, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पहले मंगल मिशन ‘होप’ तथा चीन के तियानवेन –1 अंतरिक्ष यान के बाद इस महीने मंगल ग्रह के लिए तीसरा अभियान है।



पर्सविरन्स रोवर, मंगल की सतह पर 18 फरवरी, 2021 को उतरेगा।इस मिशन को कम से कम एक मंगल वर्ष तक जारी रखने की योजना है, जो कि पृथ्वी पर लगभग 687 दिनों की अवधि के बराबर होता है (मंगल को सूर्य की परिक्रमा करने में अधिक समय लगता है)।

 

लैंडिंग साइट: जेज़ेरो क्रेटर (Jezero Crater)।

 


पर्सविरन्स रोवर को मिशन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सात उपकरणों से लैस किया गया है।




पर्सविरन्स रोवर में MOXIE अथवा मार्स ऑक्सीजन ISRU एक्सपेरिमेंट नामक एक विशेष उपकरण लगा है, जो मंगल ग्रह पर पहली बार कार्बन-डाइऑक्साइड-समृद्ध वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके आणविक ऑक्सीजन का निर्माण करेगा। (ISRU- In Situ Resource Utilization, अर्थात स्व-स्थानिक संशाधनो का उपयोग)इस मिशन पर एक हेलीकॉप्टर, ‘इंजेन्युटी (Ingenuity)’ भी भेजा गया है, यह मंगल ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला हेलीकॉप्टर होगा।यह मंगल ग्रह की सतह से पृथ्वी पर परिष्कृत प्रयोगशालाओं में विश्लेषण हेतु चट्टानों के नमूने लाने के लिए पहला योजनाबद्ध कदम है: इसका उद्देश्य ग्रह पर जैव-उपस्थिति की खोज करना है।

 

मिशन के प्रमुख उद्देश्य:

 

* प्राचीन माइक्रोबियल जीवन के खगोलीय साक्षयों की खोज करना।

* पृथ्वी पर वापसी के लिए मंगल ग्रह की सतह से चट्टानों तथा धूल के नमूने एकत्र करना।

* एक प्रयोगात्मक हेलीकाप्टर उतारना।

* मंगल ग्रह की जलवायु और भूविज्ञान का अध्ययन करना।

* भविष्य के मंगल अभियानों हेतु प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन।

 

 

मंगल ग्रह पृथ्वी के निकट स्थित है (लगभग 200 मिलियन किमी दूर)।यह एक ऐसा ग्रह है, जिस पर मनुष्य घूमने अथवा लंबी अवधि तक ठहरने की आकांक्षा कर सकते हैं।मंगल पर अतीत काल में बहता हुआ पानी तथा वातावरण और जीवन होने का अनुमान किया जाता है।निकट अवधि में, मंगल ग्रह संबंधी अभिरुचि में वृद्धि का कारण, एलन मस्क (Elon Musk) द्वारा मंगल ग्रह की व्यावसायिक यात्रा की योजना है।



नासा, वर्ष 1997 में मार्स पाथफाइंडर मिशन के आरंभ से मंगल ग्रह पर रोवर्स भेज रहा है।मिशन के सफलता के बाद, नासा ने साक्ष्य खोजने हेतु मंगल कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया।दूसरी बार, नासा ने वर्ष 2003 में मंगल पर जुड़वां रोवर्स, स्पिरिट तथा अपार्चुनिटी भेजे।नासा ने तीसरी बार वर्ष 2012 में क्यूरियोसिटी रोवर भेजा था।