विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1(15-Mar-2023)
परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अटैक सबमरीन और AUKUS
(Nuclear-powered attack submarines and AUKUS)

Posted on March 15th, 2023 | Create PDF File

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संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने हिंद-प्रशांत में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिये वर्ष 2030 के दशक की शुरुआत से ऑस्ट्रेलिया को परमाणु संचालित हमलावर पनडुब्बियाँ प्रदान करने की योजना का विवरण दिया।

 

स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक साझा प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में समझौते को वर्ष 2021 के AUKUS साझेदारी में शामिल किया गया है।

 

सितंबर 2021 में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका (AUKUS) के बीच हिंद-प्रशांत के लिये एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की।

 

इस व्यवस्था का मुख्य आकर्षण ऑस्ट्रेलिया के लिये अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का साझाकरण है।

 

इसका इंडो-पैसिफिक ओरिएंटेशन दक्षिण चीन सागर में चीन की मुखर कार्यवाही के विरुद्ध एक गठबंधन का निर्माण करता है।

 

परमाणु पनडुब्बी गठबंधन: AUKUS

 

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन ने संवेदनशील ‘नौसेना परमाणु प्रणोदन सूचना’ के आदान-प्रदान की अनुमति देने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

 

बीते दिनों प्रशांत क्षेत्र, जहाँ चीन-अमेरिका प्रतिद्वंद्विता बढ़ रही है, में सामरिक तनाव का सामना करने हेतु तीनों देशों ने रक्षा गठबंधन, ‘ऑकस’ का गठन किया था, जिसके बाद सार्वजनिक रूप से हस्ताक्षरित होने वाली प्रौद्योगिकी पर यह पहला समझौता है।

 

‘ऑकस’ सौदे के तहत ऑस्ट्रेलिया आठ अत्याधुनिक, परमाणु-संचालित लेकिन पारंपरिक रूप से सशस्त्र पनडुब्बियों को प्राप्त करेगा।

 

ऑकस :

 

सितंबर 2021 में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका (AUKUS) के बीच इंडो-पैसिफिक के लिये एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की थी।

 

इस व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया हेतु अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का साझाकरण सुनिश्चित करना है।

 

इसका इंडो - पैसिफिक उन्मुखीकरण इसे दक्षिण चीन सागर में चीन की मुखर कार्रवाइयों के खिलाफ एक प्रमुख गठबंधन बनाता है।

 

इसमें तीन देशों के बीच बैठकों और वार्ताओं के साथ - साथ उभरती प्रौद्योगिकियों (जैसे- कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अंडरसी क्षमताओं) में सहयोग का एक नया फ्रेमवर्क शामिल होगा।