राजव्यवस्था समसामियिकी 1 (27-Feb-2021)
स बार अनिवासी भारतीयों के लिए कोई डाक मतपत्र नहीं: निर्वाचन आयोग
(No postal ballot for non-resident Indians: Election Commission)

Posted on February 27th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में, निर्वाचन आयोग ने कहा है कि, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल विधानसभाओं में होने वाले आगामी चुनावों के लिए अनिवासी भारतीयों को डाक मतपत्र (Postal Ballots) सुविधा नहीं प्रदान की जाएगी।

 

 

पिछले वर्ष 27 नवंबर को, भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission- EC) द्वारा अप्रवासी भारतीयों (NRIs) तक डाक मतपत्र (Postal Ballot)  सुविधा का विस्तार करने संबंध में ‘कानून मंत्रालय’ के लिए एक प्रस्ताव दिया गया था।

निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव को आगे विदेश मंत्रालय के पास भेज दिया गया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस विषय पर सभी हितधारकों की एक विस्तृत बैठक आयोजित किये जाने की राय दी है।

 

इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल पोस्टल बैलट सिस्टम :

 

ETPBS के तहत, सेवा मतदाता अथवा विदेशी मतदाता के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से डाक मतपत्र भेजा जाता है। मतदाता, डाक मतपत्र को डाउनलोड करके, एक विशिष्ट लिफाफे में अपने निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को वापस भेज देता है। डाक मतपत्र, मतगणना के दिन सुबह 8 बजे तक रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंच जाना चाहिए। वोटों की गणना, सुबह 8 बजे से डाक मतपत्रों की गिनती के साथ शुरू होती है।

 

 

विदेशी मतदाताओं को मतदान सुविधा का विस्तार करने के लिए, सरकार को केवल चुनाव नियम 1961 में संशोधन करने की आवश्यकता है, और इसके लिए संसद की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

 

अप्रवासी भारतीय नागरिकों के लिए मतदान की वर्तमान प्रक्रिया :

 

प्रवासी भारतीयों के लिए मतदान अधिकार, वर्ष 2011 में, जन प्रतिनिधित्व कानून 1950 में संशोधन के माध्यम से लागू किये गए थे। प्रवासी भारतीय (NRI) अपने पासपोर्ट में उल्लिखित निवास स्थान संबंधी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकता है। वे केवल व्यक्तिगत रूप से मतदान कर सकते हैं, और उन्हें अपनी पहचान साबित करने हेतु अपना पासपोर्ट की मूल प्रति पेश करनी होगी।

 

अप्रवासी मतदाताओं की वर्तमान संख्या:

 

संयुक्त राष्ट्र की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की प्रवासी जनसंख्या 16 मिलियन है और यह विश्व में सर्वाधिक है।