दिवस विशेष समसामयिकी 2(26-Nov-2022)
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस
(National Milk Day)

Posted on November 26th, 2022 | Create PDF File

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भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज़ कुरियन के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

 

वर्ष 2014 में 26 नवंबर के दिन भारतीय डेयरी एसोसिएशन (IDA) ने पहली बार यह दिवस मनाने की पहल की थी।

 

ध्यातव्य है कि डॉ. वर्गीज़ कुरियन के मार्गदर्शन में ही भारत में कई महत्त्वपूर्ण संस्थाओं जैसे- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का गठन किया गया।

 

वर्ष 1970 में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने को ध्यान में रखते हुए ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की गई।

 

डॉ. कुरियन ने किसानों और श्रमिकों द्वारा चलाए जा रहे कई संस्थानों की स्थापना के अतिरिक्‍त लोकप्रिय डेयरी ब्रांड अमूल की स्थापना एवं सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

भारत 22 प्रतिशत वैश्विक उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है।

 

इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील का स्थान है।

 

यह दिवस इस तथ्य को उजागर करने के लिये मनाया जाता है कि किस प्रकार डेयरी एक अरब लोगों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है।

 

भारत बीते कुछ वर्षों में 150 मिलियन टन से अधिक दुग्ध उत्पादन के साथ विश्व में दुग्ध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।

 

जहाँ एक ओर वर्ष 1955 में भारत का मक्खन आयात 500 टन था, वहीं वर्ष 1975 तक दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का सभी प्रकार का आयात लगभग शून्य हो गया, क्योंकि इस समय तक भारत दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था।

 

इस वर्ष आज़ादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड परिसर में एक समारोह का आयोजन भी किया।