राष्ट्रीय समसामयिकी 3 (13-September-2021)
नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड
(National Intelligence Grid)

Posted on September 13th, 2021 | Create PDF File

hlhiuj

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शीघ्र ही ‘राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड’ अर्थात ‘नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड’ (NATGRID) की शुरुआत की जाएगी। NATGRID का उद्देश्य “भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक” प्रदान करना है।

 

नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) :

 

NATGRID की परिकल्पना वर्ष 2009 में की गयी थी, इसका उद्देश्य सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए एक ‘सुरक्षित मंच’ पर आव्रजन संबधी प्रविष्टियों अर्थात प्रवासियों के आने व जाने संबंधित सूचनाओं, किसी संदिग्ध का टेलीफ़ोन विवरण तथा बैंकिंग संबंधी जानकारी प्राप्त करने हेतु ‘वन-स्टॉप केंद्र’ का निर्माण करना था।

 

वर्ष 2010 में, सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा 3,400 करोड़ रुपये की NATGRID परियोजना को मंजूरी दी गयी थी।

 

NATGRID के डेटा का उपयोग करने का अधिकार :

यह इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R & AW) सहित कम से कम 10 केंद्रीय एजेंसियों के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर डेटा एक्सेस करने का माध्यम होगा। NATGRID, दूरसंचार, कर-रिकॉर्ड, बैंक, आव्रजन आदि 21 संस्थाओं से डेटा संग्रह करेगा।

 

आलोचनायें :

 

NATGRID का निजता के संभावित उल्लंघन तथा निजी गोपनीय जानकारी के लीक होने की संभावना के आधार पर विरोध किया जा रहा है।

 

आतंकवाद को रोकने में इसकी प्रभावकारिता पर भी सवाल उठाया गया है, क्योंकि किसी भी राज्य एजेंसी या पुलिस बल को NATGRID डेटाबेस एक्सेस करने की अनुमति नहीं है, जिससे तत्काल प्रभावी कार्रवाई की संभावना कम हो जाती है।

 

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, NATGRID जैसे डिजिटल डेटाबेस का दुरुपयोग किया जा सकता है। पिछले दो दशकों में, आतंकवादियों द्वारा डिजिटल उपकरणों का उपयोग हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया है।

 

NATGRID के संदर्भ में खुफिया एजेंसियों ने भी आशंका व्यक्त की है, इनका कहना कि यह उनके कार्य-क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है तथा उनके काम के संदर्भ में अन्य एजेंसियों को जानकारी लीक कर सकता है।

 

NATGRID की आवश्यकता :

 

NATGRID जैसे परिष्कृत माध्यमों के न होने का नुकसान यह है, कि पुलिस को कोई जानकारी प्राप्त करने के लिए कठोर तथा अपमानजनक तरीकों को अपनाने के लिए विवश होना पड़ता है।

 

प्रत्येक आतंकवादी घटना के बाद, पुलिस कई संदिग्धों को गिरफ्तार करती है, जिनमे से अधिकाँश निर्दोष होते हैं। यदि इसके स्थान पर, एक अन्वेषण व पहचान तंत्र के होने पर, मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधी मामलों में कमी आयेगी।

 

NATGRID, इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों पर नजर रखने में भी मदद करेगा।

 

पुलिस के पास संदिग्ध व्यक्ति के सभी डेटा तक पहुंच होगी तथा डेटा बेस की मदद से इसकी गतिविधियों को ट्रैक किया जा सकेगा।