आधिकारिक बुलेटिन - 3 (25-May-2020)
राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती मनाने के लिए कल आभासी यात्रा का आयोजन करेगा
(National Gallery of Modern Art will organise virtual tour to commemorate the 115th Birth Anniversary of Ramkinkar Baij tomorrow)

Posted on May 25th, 2020 | Create PDF File

hlhiuj

संस्कृति मंत्रालय का राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय रामकिंकर बैज की 115वीं जयंती मनाने के लिए ‘रामकिंकर बैज' | मूक बदलाव और अभिव्यक्तियों के माध्यम से यात्रा’ के शीर्षक से कल यानी 26 मई 2020 को आभासी यात्रा (वर्चुअल टूर) का आयोजन करेगा। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) इस प्रतिष्ठित कलाकार की 639 कलाकृतियों पर गर्व करता है। इस आभासी यात्रा के दौरान एनजीएमए के आरक्षित संग्रह से रामकिंकर बैज की उन उत्‍कृष्‍ट कलाकृतियों को दर्शाया जाएगा जिन्‍हें इन पांच अलग-अलग थीम की श्रृंखला में वर्गीकृत किया गया है - (i) चित्र (पोर्ट्रेट), (ii) जीवन का अध्ययन, (iii) सार एवं संरचनात्मक रचना, (iv) प्रकृति का अध्ययन एवं परिदृश्य, और (v) मूर्तियां।


एनजीएमए के महानिदेशक श्री अद्वैत चरण गडनायक ने कहा कि इस आभासी यात्रा का आयोजन आधुनिक भारत के एक प्रतिष्ठित कलाकार को श्रद्धांजलि देने के लिए किया जा रहा है जिन्‍हें सबसे महान मूर्तिकारों एवं चित्रकारों में शुमार किया जाता है। इसका आयोजन विशेष रूप से युवा कलाकारों के लिए किया जा रहा है, ताकि इस कलाकार द्वारा आलंकारिक और भावात्मक दोनों ही रूपों के साथ किए गए इस तरह के बेकरार प्रयोगों की गहरी समझ उनमें विकसित हो सके।


श्री गडनायक ने कहा कि मैं लॉकडाउन अवधि के दौरान इस वर्चुअल टूर को शुरू करने की परिकल्पना करने और इसका विशिष्‍ट स्‍वरूप तैयार एवं विकसित करने के लिए अपने पूरे आईटी प्रकोष्‍ठ के अथक प्रयासों पर गर्व करता हूं, जिसका उद्देश्‍य हमारे सम्मानित आगंतुकों को एनजीएमए के इस प्रतिष्ठित संग्रह से रू-ब-रू होने का अवसर प्राप्‍त प्रदान करना है।

 

इस आभासी यात्रा में पांच अलग-अलग श्रेणियों और तीन स्केच पुस्तकों में इस प्रतिष्ठित कलाकार की 520 कलाकृतियों को दर्शाने के अलावा अतीत की स्मृति पर प्रकाश डालने के लिए ‘जीवनस्मृति’ भी शामिल है। इस आभासी यात्रा के आखिर में आगंतुक https://so-ham.in/ramkinkar-baij-journey-through-silent-transformation-and-expressions/ पर एनजीएमए के बैनर तले प्रथम सांस्कृतिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘वार्तालाप में शामिल’ हो सकते हैं और इसके साथ ही आभासी यात्रा की सामग्री (कंटेंट) पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी में भाग ले सकते हैं।

 

आधुनिक भारत के सबसे मौलिक कलाकारों में से एक रामकिंकर बैज एक प्रतिष्ठित मूर्तिकार, चित्रकार और ग्राफिक कलाकार थे। रामकिंकर बैज (1906-1980) का जन्म पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसकी आर्थिक एवं सामाजिक हैसियत थोड़ी कमजोर थी, लेकिन वह अपने दृढ़संकल्प के बल पर भारतीय कला के सबसे प्रतिष्ठित प्रारंभिक आधुनिकतावादियों में स्‍वयं को शुमार करने में कामयाब रहे थे।


वैसे तो उनकी कलाकृतियों को शुरुआत में लोकप्रिय होने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा, लेकिन धीरे-धीरे ये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्‍तरों पर लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब होने लगीं। उन्‍हें एक के बाद एक कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया। वर्ष 1970 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय कला में उनके अमूल्‍य योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। वर्ष 1976 में उन्हें ललित कला अकादमी का फेलो बनाया गया।

 

कोलकाता में कुछ समय तक बीमार रहने के बाद रामकिंकर ने 2 अगस्त, 1980 को अंतिम सांस ली।