स्वास्थ्य समसामयिकी 2(16-June-2022)
मंकीपॉक्स
(Monkeypox)

Posted on June 16th, 2022 | Create PDF File

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मंकीपॉक्स वायरस अब तक 29 देशों में फैल चुका है।

 

इसके साथ ही 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए चेतावनी जारी की है।

 

यह एक वायरल ज़ूनोटिक रोग (Zoonotic Disease- जानवरों से मनुष्यों में संचरण होने वाला रोग) है और बंदरों में चेचक के समान बीमारी के रूप में पहचाना जाता है, इसलिये इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया है।

 

यह नाइजीरिया की स्थानिक बीमारी है।

 

मंकीपॉक्स वायरस के स्रोत के रूप में पहचाने जाने वाले जानवरों में बंदर और वानर, विभिन्न प्रकार के कृतंक (चूहों, गिलहरियों तथा प्रैरी कुत्तों सहित) एवं खरगोश शामिल हैं।

 

यह रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो पॉक्सविरिडे फैमिली (Poxviridae Family) में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus Genus) का सदस्य है।

 

मंकीपॉक्स का संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में अनुसंधान के लिये रखे गए बंदरों के समूहों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोपों के बाद खोजा गया जिसे 'मंकीपॉक्स' नाम दिया गया।

 

पहला मानव संचरण का मामला वर्ष 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में चेचक को खत्म करने के तीव्र प्रयास के दौरान दर्ज किया गया था।

 

मंकीपॉक्स के लिये रोगोद्भवन अवधि (संक्रमण से लक्षणों तक का समय) आमतौर पर 7-14 दिनों की होती है लेकिन यह अवधि 5-21 दिनों तक भी हो सकती है।