राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (25-Feb-2021)^मेरीटाइम इंडिया समिट-2021^(Maritime India Summit-2021)
Posted on February 25th, 2021
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2-4 मार्च के मध्य आयोजित होने वाले दूसरे मेरीटाइम इंडिया समिट-2021 का उद्घाटन करेंगे।
* पहले मेरीटाइम इंडिया समिट का आयोजन वर्ष 2016 में मुंबई में किया गया था।
* एक अनुमान के मुताबिक, इस विशाल शिखर सम्मेलन में लगभग एक लाख प्रतिनिधि और 40 भागीदार देश हिस्सा लेंगे।
* फिक्की को इस शिखर सम्मेलन का उद्योग भागीदार नामित किया गया है।
* इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान और अवसरों के पारस्परिक आदान-प्रदान हेतु भागीदार देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक शक्तिशाली मंच प्रदान करना है।
* मेरीटाइम क्षेत्र विभिन्न पहलुओं में निवेश के बेहतर अवसर प्रदान करता है, जिसमें विश्व स्तरीय बंदरगाहों का विकास, मौजूदा बंदरगाहों में नए टर्मिनलों का आधुनिकीकरण और विकास, संपर्क परियोजनाओं (सड़क, रेल और अंतर्देशीय जल परिवहन), तटीय शिपिंग, क्रूज़ पर्यटन, समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण, जहाज़ निर्माण एवं जहाज़ मरम्मत, शिप ब्रेकिंग, स्मार्ट पोर्ट औद्योगिक शहरों का विकास आदि शामिल हैं।
* भारत के लिये समुद्री क्षेत्र के महत्त्व को इस बात से समझा जा सकता है कि भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 90 प्रतिशत (मात्रा में) तथा 70 प्रतिशत (मूल्य के आधार पर) समुद्री मार्ग से संचालित होता है।
राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (25-Feb-2021)मेरीटाइम इंडिया समिट-2021(Maritime India Summit-2021)
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2-4 मार्च के मध्य आयोजित होने वाले दूसरे मेरीटाइम इंडिया समिट-2021 का उद्घाटन करेंगे।
* पहले मेरीटाइम इंडिया समिट का आयोजन वर्ष 2016 में मुंबई में किया गया था।
* एक अनुमान के मुताबिक, इस विशाल शिखर सम्मेलन में लगभग एक लाख प्रतिनिधि और 40 भागीदार देश हिस्सा लेंगे।
* फिक्की को इस शिखर सम्मेलन का उद्योग भागीदार नामित किया गया है।
* इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान और अवसरों के पारस्परिक आदान-प्रदान हेतु भागीदार देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक शक्तिशाली मंच प्रदान करना है।
* मेरीटाइम क्षेत्र विभिन्न पहलुओं में निवेश के बेहतर अवसर प्रदान करता है, जिसमें विश्व स्तरीय बंदरगाहों का विकास, मौजूदा बंदरगाहों में नए टर्मिनलों का आधुनिकीकरण और विकास, संपर्क परियोजनाओं (सड़क, रेल और अंतर्देशीय जल परिवहन), तटीय शिपिंग, क्रूज़ पर्यटन, समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण, जहाज़ निर्माण एवं जहाज़ मरम्मत, शिप ब्रेकिंग, स्मार्ट पोर्ट औद्योगिक शहरों का विकास आदि शामिल हैं।
* भारत के लिये समुद्री क्षेत्र के महत्त्व को इस बात से समझा जा सकता है कि भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 90 प्रतिशत (मात्रा में) तथा 70 प्रतिशत (मूल्य के आधार पर) समुद्री मार्ग से संचालित होता है।