साहित्य समसामयिकी 2 (11-May-2021)^मनोज दास अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार ^(Manoj Das International Literary Award)
Posted on May 11th, 2021
हाल ही में ओडिशा सरकार ने राज्य के प्रख्यात साहित्यकार मनोज दास की स्मृति में 'मनोज दास अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार' प्रदान करने की घोषणा की है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष अंग्रेज़ी साहित्य में रचनात्मक योगदान देने वाले ओडिशा के साहित्यकारों को प्रदान किया जाएगा।
इसके तहत पुरस्कार के तौर पर 10 लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा।
ओडिशा के प्रख्यात शिक्षाविद और जाने-माने द्विभाषी साहित्यकार मनोज दास का हाल ही में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वर्ष 1934 में ओडिशा में जन्मे मनोज दास ने ओडिया और अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं में महत्त्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएँ कीं।
मनोज दास को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये वर्ष 2001 में पद्मश्री और वर्ष 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा राज्य सरकार ने हाई स्कूल के छात्रों को उनके रचनात्मक कार्यों हेतु ‘मनोज-किशोर साहित्य प्रतिभा पुरस्कार’ प्रदान करने की भी घोषणा की है, ताकि ओडिया और अंग्रेज़ी साहित्य दोनों में युवाओं के बीच रुचि विकसित की जा सके।
साहित्य समसामयिकी 2 (11-May-2021)मनोज दास अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (Manoj Das International Literary Award)
हाल ही में ओडिशा सरकार ने राज्य के प्रख्यात साहित्यकार मनोज दास की स्मृति में 'मनोज दास अंतर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार' प्रदान करने की घोषणा की है।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष अंग्रेज़ी साहित्य में रचनात्मक योगदान देने वाले ओडिशा के साहित्यकारों को प्रदान किया जाएगा।
इसके तहत पुरस्कार के तौर पर 10 लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा।
ओडिशा के प्रख्यात शिक्षाविद और जाने-माने द्विभाषी साहित्यकार मनोज दास का हाल ही में 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। वर्ष 1934 में ओडिशा में जन्मे मनोज दास ने ओडिया और अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं में महत्त्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएँ कीं।
मनोज दास को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये वर्ष 2001 में पद्मश्री और वर्ष 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा राज्य सरकार ने हाई स्कूल के छात्रों को उनके रचनात्मक कार्यों हेतु ‘मनोज-किशोर साहित्य प्रतिभा पुरस्कार’ प्रदान करने की भी घोषणा की है, ताकि ओडिया और अंग्रेज़ी साहित्य दोनों में युवाओं के बीच रुचि विकसित की जा सके।