राष्ट्रीय समसामयिकी 1(8-May-2023)
मालचा महल
(Malcha Mahal)

Posted on May 9th, 2023 | Create PDF File

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दिल्ली पर्यटन विभाग ने अपनी बहुप्रतीक्षित 'हॉन्टेड वॉक' शुरू किया है, जिसके लिये यात्रा हेतु पहले गंतव्य के रूप में मालचा महल को चुना गया।

 

मालचा महल या विलाहट महल तुगलक युग का एक शिकार लॉज है, जिसे 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था।

 

यह दिल्ली के चाणक्यपुरी में एक जंगल के अंदर, मुख्य सड़क से 1.5 किमी. दूर स्थित है। इसका नाम मालचा मार्ग के नाम पर रखा गया है, जिसमें राजनयिकों, व्यापारियों और लेखकों सहित शहर के अभिजात वर्ग रहते हैं।

 

फिरोज शाह तुगलक, जो कि तुगलक वंश का दिल्ली का एक सुल्तान था, ने 1351 से 1388 तक शासन किया था।

 

वह वास्तुशिल्प आकार की इमारतों की शुरुआत करने हेतु अधिक प्रसिद्ध है, जिन्हें उसके युग के दौरान अपरंपरागत के रूप में देखा गया था।

 

देश के एक बड़े हिस्से में नहरों के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने के लिये नदियों को चैनलाइज़ करने हेतु उन्हें अंग्रेज़ों द्वारा भारत में सिंचाई प्रणाली का जनक भी माना जाता था।

 

मालचा महल : 

 

1325 ईस्वी में तत्कालीन सुल्तान फिरोज शाह तुगलक द्वारा इसका निर्माण कराया गया तथा लंबे समय तक इसका उपयोग हंटिंग लॉज (Hunting Lodge) के रूप में किया गया।

 

बाद में यह अवध के नवाब के वंशजों का निवास स्थान बन गया।  

 

ऐसा माना जाता है कि अवध की बेगम विलायत महल के नाम पर इसे 'विलायत महल' कहा जाने लगा, उन्होंने दावा किया कि वह अवध के शाही परिवार की सदस्य थीं। उन्हें वर्ष 1985 में सरकार द्वारा महल का स्वामित्व प्रदान किया गया था। 

 

वर्ष 1993 में बेगम द्वारा आत्महत्या करने के बाद मालचा महल उनकी बेटी सकीना महल और बेटे राजकुमार अली रज़ा (साइरस) के स्वामित्व में आ गया। वर्ष 2017 में राजकुमार की मृत्यु हो गई तथा उनकी मृत्यु से कुछ वर्ष पहले उनकी बहन का देहांत हो चुका था।