अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1 (14-October-2021)^‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा^('Maharatna' company status to 'Power Finance Corporation')
Posted on October 14th, 2021
हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा प्रदान किया है, इस प्रकार ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ ‘महारत्न’ कंपनियों की प्रतिष्ठित श्रेणी में प्रवेश करने वाली देश की 11वीं राज्य-स्वामित्व वाली इकाई बन गई है।
ज्ञात हो कि इस श्रेणी में ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ के अलावा ओएनजीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जैसी विशिष्ट कंपनियाँ शामिल हैं।
‘महारत्न’ कंपनी के दर्जे के माध्यम से ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ इक्विटी में निवेश करने, वित्तीय संयुक्त उद्यम बनाने, पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियाँ बनाने और देश के साथ-साथ विदेशों में विलय एवं अधिग्रहण करने में सक्षम हो गई है।
‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
साथ ही वैश्विक स्तर पर भी उस कंपनी का संचालन होना अनिवार्य है।
विदित हो कि ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ को वर्ष 1986 में निगमित किया गया था और यह ‘केंद्रीय विद्युत मंत्रालय’ के अधिकार क्षेत्र में आती है।
अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1 (14-October-2021)‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ को ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा('Maharatna' company status to 'Power Finance Corporation')
हाल ही में केंद्र सरकार ने ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा प्रदान किया है, इस प्रकार ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ ‘महारत्न’ कंपनियों की प्रतिष्ठित श्रेणी में प्रवेश करने वाली देश की 11वीं राज्य-स्वामित्व वाली इकाई बन गई है।
ज्ञात हो कि इस श्रेणी में ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ के अलावा ओएनजीसी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) जैसी विशिष्ट कंपनियाँ शामिल हैं।
‘महारत्न’ कंपनी के दर्जे के माध्यम से ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ इक्विटी में निवेश करने, वित्तीय संयुक्त उद्यम बनाने, पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियाँ बनाने और देश के साथ-साथ विदेशों में विलय एवं अधिग्रहण करने में सक्षम हो गई है।
‘महारत्न’ का दर्जा उस कंपनी को दिया जाता है जिसने लगातार बीते तीन वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है अथवा बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक कारोबार 25,000 करोड़ रुपए था या फिर बीते तीन वर्षों के लिये उसका औसत वार्षिक शुद्ध मूल्य 15,000 करोड़ रुपए है।
साथ ही वैश्विक स्तर पर भी उस कंपनी का संचालन होना अनिवार्य है।
विदित हो कि ‘पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन’ को वर्ष 1986 में निगमित किया गया था और यह ‘केंद्रीय विद्युत मंत्रालय’ के अधिकार क्षेत्र में आती है।