कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1 (13-January-2022)^लोहड़ी^(Lohri)
Posted on January 13th, 2022
भारत में फसल कटाई त्योहार को मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व जैसे विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है।
लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्राति के एक दिन पहले मनाया जाता है।
लोहड़ी पौष के अंतिम दिन सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) मनाया जाता है।
यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। यह मुख्यत: पंजाब का पर्व है, यह द्योतार्थक (एक्रॉस्टिक) शब्द लोहड़ी की पूजा के समय व्यवहृत होने वाली वस्तुओं के द्योतक वर्णों का समुच्चय होता है, जिसमें ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = 'लोहड़ी' के प्रतीक हैं।
इसको मनाने के दौरान रात्रि में खुले स्थान पर परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं।
इस दौरान रेवड़ी, मूंँगफली आदि खाए जाते हैं।
कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1 (13-January-2022)लोहड़ी(Lohri)
भारत में फसल कटाई त्योहार को मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व जैसे विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है।
लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्राति के एक दिन पहले मनाया जाता है।
लोहड़ी पौष के अंतिम दिन सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) मनाया जाता है।
यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। यह मुख्यत: पंजाब का पर्व है, यह द्योतार्थक (एक्रॉस्टिक) शब्द लोहड़ी की पूजा के समय व्यवहृत होने वाली वस्तुओं के द्योतक वर्णों का समुच्चय होता है, जिसमें ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = 'लोहड़ी' के प्रतीक हैं।
इसको मनाने के दौरान रात्रि में खुले स्थान पर परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं।