कला एवं संस्कृति समसामियिकी 1 (22-Feb-2021)^खजुराहो नृत्य महोत्सव^(Khajuraho Dance Festival)
Posted on February 22nd, 2021
* हाल ही में मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में 47वें खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत की गई।
* इस महोत्सव को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) की अनुमति मिलने के बाद 44 वर्ष पश्चात् मंदिर परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
* खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1975 में मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी, हालाँकि महोत्सव के दौरान स्मारकों और मूर्तियों को नष्ट करने की घटनाओं के चलते भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने वर्ष 1976 में मंदिर परिसर में महोत्सव का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग द्वारा बीते 44 वर्षों के दौरान यह महोत्सव मंदिर के पास ही एक खुले बगीचे में आयोजित किया जाता रहा।
* खजुराहो को हाल ही में 19 प्रतिष्ठित विश्व पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया गया है, जिसके चलते इस महोत्सव को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त होगी एवं लोग इसकी ओर आकर्षित होंगे।
* चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।
* नागर शैली में बने यहाँ के मंदिरों की संख्या अब केवल 20 ही रह गई है, जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर दो धर्मों- जैन और हिंदू से संबंधित हैं।
कला एवं संस्कृति समसामियिकी 1 (22-Feb-2021)खजुराहो नृत्य महोत्सव(Khajuraho Dance Festival)
* हाल ही में मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में 47वें खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत की गई।
* इस महोत्सव को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) की अनुमति मिलने के बाद 44 वर्ष पश्चात् मंदिर परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
* खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1975 में मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी, हालाँकि महोत्सव के दौरान स्मारकों और मूर्तियों को नष्ट करने की घटनाओं के चलते भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने वर्ष 1976 में मंदिर परिसर में महोत्सव का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग द्वारा बीते 44 वर्षों के दौरान यह महोत्सव मंदिर के पास ही एक खुले बगीचे में आयोजित किया जाता रहा।
* खजुराहो को हाल ही में 19 प्रतिष्ठित विश्व पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया गया है, जिसके चलते इस महोत्सव को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त होगी एवं लोग इसकी ओर आकर्षित होंगे।
* चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है।
* नागर शैली में बने यहाँ के मंदिरों की संख्या अब केवल 20 ही रह गई है, जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर दो धर्मों- जैन और हिंदू से संबंधित हैं।