राज्य समसामियिकी 1 (16-Sept-2020)^केरल में प्रमाणित सर्प प्रबंधकर्ता (Kerala to have certified snake handlers)
Posted on September 16th, 2020
सांपों से निपटने हेतु संस्थागत प्रणाली तैयार करने वाला केरल वन विभाग देश में पहली राज्य इकाई बन गया है। केरल वन विभाग ने सांपों को मानव प्रभुत्व वाले स्थानों से बचाने और निर्जन क्षेत्रों में छोड़ने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
सर्प प्रबंधकर्ताओं को, प्रमाण प्राप्त करने के लिए 21 से 65 वर्ष की आयु वर्ग का होना अनिवार्य है।प्रत्येक जिले में सर्प प्रबंधकर्ताओं की सूची तैयार करने के लिए सहायक वन संरक्षक (ACF, सामाजिक वानिकी) द्वारा आवेदनों की जांच की जाएगी। चयन प्रक्रिया के दौरान अनुभव, उम्र, स्वास्थ्य के साथ-साथ ट्रैक रिकॉर्ड सहित विभिन्न मापदंडों पर विचार किया जाएगा।चयनित सर्प प्रबंधकर्ताओं को सांपों के सुरक्षित और वैज्ञानिक प्रबंधन हेतु अनिवार्य प्रशिक्षण लेना आवश्यक होगा।हालांकि, प्रमाणपत्र पांच साल के लिए वैध होगा, परन्तु सर्प प्रबंधकर्ता को किसी अवैध या अनैतिक कृत्यों में शामिल पाए जाने पर संबंधित ACF प्रमाणपत्र को वापस ले सकते हैं या रद्द कर सकते हैं। कार्य के दौरान सर्प प्रबंधकर्ताओं को सुरक्षात्मक कपड़े पहनने और सुरक्षा उपकरणों से लैस होना आवश्यक होगा।बचाए गए सांपों को भी जल्द से जल्द वन अधिकारियों की मौजूदगी में सुरक्षित क्षेत्रों में छोड़ना होगा। घायल होने पर सांप को उसकी फिटनेस की जाँच के बाद ही छोड़ा जा सकता है।
सांप पकड़ने वालों द्वारा अवैज्ञानिक तरीके अपनाए जाने के आरोप लगाए जाते हैं, जिनसे जीव तनावग्रस्त होकर अपने और दूसरों के जीवन के लिए जोखिम पैदा करते हैं।केरल में पिछले तीन वर्षों के दौरान साँप काटने से 334 मौतें तथा सांपो से संबंधित 1,860 अन्य मामले दर्ज किए गए हैंसांपों को आपराधिक उद्देश्यों के लिए व्यापार किए जाने के मामले भी दर्ज किये गए हैं।
राज्य समसामियिकी 1 (16-Sept-2020)केरल में प्रमाणित सर्प प्रबंधकर्ता (Kerala to have certified snake handlers)
सांपों से निपटने हेतु संस्थागत प्रणाली तैयार करने वाला केरल वन विभाग देश में पहली राज्य इकाई बन गया है। केरल वन विभाग ने सांपों को मानव प्रभुत्व वाले स्थानों से बचाने और निर्जन क्षेत्रों में छोड़ने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
सर्प प्रबंधकर्ताओं को, प्रमाण प्राप्त करने के लिए 21 से 65 वर्ष की आयु वर्ग का होना अनिवार्य है।प्रत्येक जिले में सर्प प्रबंधकर्ताओं की सूची तैयार करने के लिए सहायक वन संरक्षक (ACF, सामाजिक वानिकी) द्वारा आवेदनों की जांच की जाएगी। चयन प्रक्रिया के दौरान अनुभव, उम्र, स्वास्थ्य के साथ-साथ ट्रैक रिकॉर्ड सहित विभिन्न मापदंडों पर विचार किया जाएगा।चयनित सर्प प्रबंधकर्ताओं को सांपों के सुरक्षित और वैज्ञानिक प्रबंधन हेतु अनिवार्य प्रशिक्षण लेना आवश्यक होगा।हालांकि, प्रमाणपत्र पांच साल के लिए वैध होगा, परन्तु सर्प प्रबंधकर्ता को किसी अवैध या अनैतिक कृत्यों में शामिल पाए जाने पर संबंधित ACF प्रमाणपत्र को वापस ले सकते हैं या रद्द कर सकते हैं। कार्य के दौरान सर्प प्रबंधकर्ताओं को सुरक्षात्मक कपड़े पहनने और सुरक्षा उपकरणों से लैस होना आवश्यक होगा।बचाए गए सांपों को भी जल्द से जल्द वन अधिकारियों की मौजूदगी में सुरक्षित क्षेत्रों में छोड़ना होगा। घायल होने पर सांप को उसकी फिटनेस की जाँच के बाद ही छोड़ा जा सकता है।
सांप पकड़ने वालों द्वारा अवैज्ञानिक तरीके अपनाए जाने के आरोप लगाए जाते हैं, जिनसे जीव तनावग्रस्त होकर अपने और दूसरों के जीवन के लिए जोखिम पैदा करते हैं।केरल में पिछले तीन वर्षों के दौरान साँप काटने से 334 मौतें तथा सांपो से संबंधित 1,860 अन्य मामले दर्ज किए गए हैंसांपों को आपराधिक उद्देश्यों के लिए व्यापार किए जाने के मामले भी दर्ज किये गए हैं।