अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (30-Apr-2021)
करेन विद्रोही
(Karen Rebel)

Posted on April 30th, 2021 | Create PDF File

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म्यांमार में फ़रवरी 1 को हुए तख्तापलट के पश्चात, जातीय अल्पसंख्यक करेन विद्रोहियों द्वारा म्यांमार सेना की चौकियों की कुछ हमले किये गए, जिसके बाद म्यांमार सेना ने थाई सीमा के नजदीक स्थित एक गाँव और सीमांत बस्ती पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।

 

‘करेन नेशनल यूनियन’ (Karen National Union- KNU), म्यांमार का सबसे पुराना विद्रोही समूह है, इसने कहा है कि उसके लड़ाकों ने साल्वीन नदी के पश्चिमी तट पर सेना के कैंप पर कब्ज़ा कर लिया है।

 

KNU :

 

‘करेन नेशनल यूनियन’ (KNU) एक प्रमुख राजनीतिक संगठन है, जो थाईलैंड की सीमा पर स्थित करेन, अथवा कायिन (Kayin) राज्य में बसने वाले जातीय अल्पसंख्यक करेन समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है।

 

इसका लक्ष्य, जिन राज्यों में करेन समुदाय के लोग बहुसंख्यक है, उनमे आत्म-निर्णय (self-determination) का अधिकार हासिल करना है। करेन समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 6 मिलियन हैं, जो मोटे तौर पर बेल्जियम की आबादी के बराबर है।

 

‘करेन संघर्ष’ :

तत्कालीन बर्मा की आजादी के बाद की राजनीतिक प्रक्रिया में ‘करेन समुदाय’ हाशिए पर चला गया था। इसके बाद, वर्ष 1949 में ‘करेन नेशनल यूनियन’ (KNU) द्वारा एक विद्रोह शुरू किया गया, जो लगभग 70 वर्षों तक जारी रहा।

 

म्यांमार के राज्य और सेना में बहुसंख्यक बामर समुदाय का वर्चस्व, इसकी इसकी प्रमुख शिकायतों में से एक है।

 

इस संघर्ष को, विश्व में सबसे लंबे समय तक जारी रहने वाले गृहयुद्धों में से एक के रूप में वर्णित किया जाता है।

 

करेन राष्ट्रवादी, वर्ष 1949 से कावथोली (Kawthoolei) नामक एक स्वतंत्र राज्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं।