विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 2(6-Feb-2023)
बृहस्पति सबसे अधिक चंद्रमाओं वाला ग्रह बना
(Jupiter becomes the planet with the most moons)

Posted on February 7th, 2023 | Create PDF File

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खगोलविदों ने हाल ही में बृहस्पति के चारों ओर 12 नए चंद्रमाओं की खोज की, जिससे चंद्रमाओं की कुल संख्या बढ़कर 92 हो गई, जो हमारे सौरमंडल के किसी भी ग्रह की सबसे बड़ी संख्या है (शनि के 83 चंद्रमा हैं)।

 

चंद्रमाओं की खोज वर्ष 2021 और 2022 में हवाई तथा चिली में दूरबीनों का उपयोग करके की गई थी, इन्हें अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के माइनर प्लैनेट सेंटर की सूची में जोड़ा गया है (इन चंद्रमाओं का आकार 1-3 किलोमीटर तक है)।

 

बृहस्पति के आगामी मिशनों में शामिल हैं- (a) बृहस्पति ग्रह और इसके कुछ सबसे बड़े, बर्फीले चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये ESA का अंतरिक्षयान (2023 में), (b) बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा का पता लगाने के लिये नासा का यूरोपा क्लिपर जो इसके ज़मे हुए क्रस्ट के नीचे एक महासागर को आश्रय दे सकता है (2024 में)।

 

नासा ने इससे पहले बृहस्पति ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का पता लगाने के लिये मिशन लूसी लॉन्च किया था।

 

बृहस्पति और शनि के अलावा यूरेनस के 27 चंद्रमा, नेपच्यून के 14, मंगल के 2 और पृथ्वी के 1 चंद्रमा की पुष्टि की गई है, जबकि शुक्र एवं बुध का कोई चंद्रमा नहीं है।

 

'लूसी' मिशन :

 

सौर ऊर्जा द्वारा संचालित इस मिशन में 12 वर्ष से अधिक समय लगने का अनुमान है, जिसके दौरान अंतरिक्षयान 'युवा सौर मंडल' (Young Solar System) के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये लगभग 6.3 बिलियन किमी. की दूरी तय कर आठ क्षुद्रग्रहों का परिभ्रमण करेगा।

 

मिशन को विभिन्न क्षुद्रग्रहों की संरचना को समझने हेतु डिज़ाइन किया गया है जो ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का एक हिस्सा है, इसका उपयोग सामग्री के द्रव्यमान और घनत्व को निर्धारित करने के लिये एवं ट्रोजन क्षुद्रग्रहों की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों एवं रिंग्स को देखने तथा उनका अध्ययन करने के लिये किया जाएगा।

 

उनके अध्ययन से वैज्ञानिकों को इसकी उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद मिलेगी, साथ ही यह ऐसा क्यों दिखाई देता है, इस बात का पता लगाएगा।

 

ट्रोजन्स : 

 

ट्रोजन्स ऐसे क्षुद्रग्रह हैं जो एक बड़े ग्रह के साथ कक्षा (Orbit) साझा करते हैं।