इतिहास समसामियिकी 1 (7-Aug-2020)^हिरोशिमा परमाणु बमबारी की 75 वीं वर्षगांठ (Japan marks 75th anniversary of Hiroshima atomic bombing)
Posted on August 7th, 2020
जापान में 6 अगस्त को, विश्व के पहले परमाणु बम हमले की 75वीं वर्षगांठ मनाई गयी। कोरोनावायरस महामारी के कारण परमाणु हमले के शिकार हुए लोगों की स्मृति में किये जाने वाले कार्यक्रमों को काफी सीमित रखा गया।
6 अगस्त, 1945 को, अमेरिका द्वारा जापानी शहर हिरोशिमा पर एक परमाणु बम गिराया गया तथा इसके तीन दिन पश्चात्, 9 अगस्त को, अमेरिका ने एक अन्य शहर नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। इन विस्फोटों से लाखों लोग मारे गए तथा विस्फोटों के उपरांत हुई ‘ब्लैक रेन’ तथा विकिरण भारी संख्या में लोग प्रभावित हुए।वर्ष 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दौर में, जापान और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए। जापानी सेनाओं द्वारा ईस्ट-इंडीज के तेल-समृद्ध क्षेत्रों पर कब्जा करने के इरादे से इंडोचाइना पर निशाना साधा गया, इससे अमेरिका और कुपित हो गया। इसके परिणाम स्वरूप, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान को आत्मसमर्पण करने पर विवश करने के लिए परमाणु बमों के उपयोग की मंजूरी दे दी। इन परमाणु हमलों के पश्चात् जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया।
परमाणु बम ब्रिटिश और अमेरिकी वैज्ञानिक ज्ञान और प्रगति का एक परिणाम था तथा इसे अमेरिका के दो संयंत्रों में विकसित किया गया था, इसके अलावा एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में अलग से कार्य किया गया था। इस पूरी प्रक्रिया को मैनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project) का कोड नाम दिया गया था।हिरोशिमा शहर पर गिराए गए परमाणु बम का नाम ‘लिटिल बॉय’ था।नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम को ‘फैट मैन’ नाम दिया गया था।
इतिहास समसामियिकी 1 (7-Aug-2020)हिरोशिमा परमाणु बमबारी की 75 वीं वर्षगांठ (Japan marks 75th anniversary of Hiroshima atomic bombing)
जापान में 6 अगस्त को, विश्व के पहले परमाणु बम हमले की 75वीं वर्षगांठ मनाई गयी। कोरोनावायरस महामारी के कारण परमाणु हमले के शिकार हुए लोगों की स्मृति में किये जाने वाले कार्यक्रमों को काफी सीमित रखा गया।
6 अगस्त, 1945 को, अमेरिका द्वारा जापानी शहर हिरोशिमा पर एक परमाणु बम गिराया गया तथा इसके तीन दिन पश्चात्, 9 अगस्त को, अमेरिका ने एक अन्य शहर नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। इन विस्फोटों से लाखों लोग मारे गए तथा विस्फोटों के उपरांत हुई ‘ब्लैक रेन’ तथा विकिरण भारी संख्या में लोग प्रभावित हुए।वर्ष 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दौर में, जापान और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए। जापानी सेनाओं द्वारा ईस्ट-इंडीज के तेल-समृद्ध क्षेत्रों पर कब्जा करने के इरादे से इंडोचाइना पर निशाना साधा गया, इससे अमेरिका और कुपित हो गया। इसके परिणाम स्वरूप, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान को आत्मसमर्पण करने पर विवश करने के लिए परमाणु बमों के उपयोग की मंजूरी दे दी। इन परमाणु हमलों के पश्चात् जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया।
परमाणु बम ब्रिटिश और अमेरिकी वैज्ञानिक ज्ञान और प्रगति का एक परिणाम था तथा इसे अमेरिका के दो संयंत्रों में विकसित किया गया था, इसके अलावा एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में अलग से कार्य किया गया था। इस पूरी प्रक्रिया को मैनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project) का कोड नाम दिया गया था।हिरोशिमा शहर पर गिराए गए परमाणु बम का नाम ‘लिटिल बॉय’ था।नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम को ‘फैट मैन’ नाम दिया गया था।