सूचना का अधिकार और सुशासन के मुदृदे (Issues Related to Good Governance and Right to Information)
Posted on April 6th, 2020
सूचना का अधिकार और सुशासन के मुदृदे
(Issues Related to Good Governance and Right to Information)
* सूचना का अधिकार एक तो स्वयं एक अधिकार है और कई अन्य अधिकारों को भी सशक्त करता है जबकि सुशासन में मानवाधिकार और मानव विकास के विभिन्न मुदृदे हैं।
* सुशासन का पारदर्शिता आयाम सीघे-सीघे सूचना के अधिकार पर निर्भर है।
* सूचना के अधिकार और सुशासन से निष्पादन मूल्यांकन ज्यादा सशक्त होगा और शासन तथा प्रशासन के बारे में नागरिक तथा समाज ज्यादा सूचित होंगे, इसलिए जवाबदेही बढ़ेगी।
* सूचना के अधिकार से सुशासन से निष्पादन मूल्यांकन ज्यादा सशक्त होगा और शासन तथा प्रशासन के बारे में नागरिक तथा समाज ज्यादा सूचित होंगे, इसलिए जवाबदेही बढ़ेगी।
* सूचना के अधिकार से सुशासन के श्रेष्ठ अनुभवों के सम्बन्ध में तुलनाओं को बढ़ाया जा सकेगा।
* सूचना के अधिकार से सुशासन के लिए के लिए लोक सेवाओं में समक्षमता-निर्माण की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
* राज्य और गैर-राज्य भागीदारी बढ़ाते हुए आर्थिक विकास को साधन और मानव विकास को साध्य बनाया जाएगा।
* सूचना से सहमति को सबल बनाया जा सकता है और सह्ठमति सुशासन का अभिन्न अंग है।
* इससे मानव विकास सूचक और अन्य सूचकों के सन्दर्भ में गणनाएँ बेहतर बनेंगी, इसलिए जवाबदेदी बढ़ सकेगी (पी.सी. होता समिति ने सुशासन के सन्दर्भ में राज्यों में स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट (State of Governance Report) लाने का सुज्ञाव दिया।)
* इससे भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता मिलती है।
* सूचना के अधिकार से ई-शासन (E-Governance) को बल मिलता है, जिससे कि स्मार्ट शासन (SMART-Simple, Moral, Accountable, Responsive and Transparent Governance) को बढ़ाया जा सकता है।
* सूचना के अधिकार से लोकसेवा मूल्य विकसित होते हैं जो कि सुशासन के लिए जरूरी है।
सूचना का अधिकार और सुशासन के मुदृदे (Issues Related to Good Governance and Right to Information)
(Issues Related to Good Governance and Right to Information)
* सूचना का अधिकार एक तो स्वयं एक अधिकार है और कई अन्य अधिकारों को भी सशक्त करता है जबकि सुशासन में मानवाधिकार और मानव विकास के विभिन्न मुदृदे हैं।
* सुशासन का पारदर्शिता आयाम सीघे-सीघे सूचना के अधिकार पर निर्भर है।
* सूचना के अधिकार और सुशासन से निष्पादन मूल्यांकन ज्यादा सशक्त होगा और शासन तथा प्रशासन के बारे में नागरिक तथा समाज ज्यादा सूचित होंगे, इसलिए जवाबदेही बढ़ेगी।
* सूचना के अधिकार से सुशासन से निष्पादन मूल्यांकन ज्यादा सशक्त होगा और शासन तथा प्रशासन के बारे में नागरिक तथा समाज ज्यादा सूचित होंगे, इसलिए जवाबदेही बढ़ेगी।
* सूचना के अधिकार से सुशासन के श्रेष्ठ अनुभवों के सम्बन्ध में तुलनाओं को बढ़ाया जा सकेगा।
* सूचना के अधिकार से सुशासन के लिए के लिए लोक सेवाओं में समक्षमता-निर्माण की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
* राज्य और गैर-राज्य भागीदारी बढ़ाते हुए आर्थिक विकास को साधन और मानव विकास को साध्य बनाया जाएगा।
* सूचना से सहमति को सबल बनाया जा सकता है और सह्ठमति सुशासन का अभिन्न अंग है।
* इससे मानव विकास सूचक और अन्य सूचकों के सन्दर्भ में गणनाएँ बेहतर बनेंगी, इसलिए जवाबदेदी बढ़ सकेगी (पी.सी. होता समिति ने सुशासन के सन्दर्भ में राज्यों में स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट (State of Governance Report) लाने का सुज्ञाव दिया।)
* इससे भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता मिलती है।
* सूचना के अधिकार से ई-शासन (E-Governance) को बल मिलता है, जिससे कि स्मार्ट शासन (SMART-Simple, Moral, Accountable, Responsive and Transparent Governance) को बढ़ाया जा सकता है।
* सूचना के अधिकार से लोकसेवा मूल्य विकसित होते हैं जो कि सुशासन के लिए जरूरी है।