अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (18-Sept-2020)^भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता^(Indo-US upcoming 2 + 2 ministerial level talks)
Posted on September 18th, 2020
अमेरिका द्वारा भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच ‘भू-स्थानिक सहयोग के लिये बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौते’ (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-Spatial cooperation- BECA) पर हस्ताक्षर की इच्छा ज़ाहिर की गई है।
भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता का आयोजन अक्तूबर माह के अंत तक किये जाने का अनुमान है। भारत द्वारा इस संदर्भ में अपने सुझावों के साथ BECA का एक मसौदा अमेरिका को भेज दिया गया है। BECA, भारत को स्वचालित हार्डवेयर सिस्टम और हथियार जैसे क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों से सटीक हमले के लिये अमेरिकी भू-स्थानिक मानचित्रों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करेगा। भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय 2+2 वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री भाग लेते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच एक अन्य समुद्री सूचना समझौते को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।अमेरिका के साथ इस समझौते के लागू होने के बाद भारत द्वारा क्वाड (QUAD) के अन्य देशों ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी ऐसा समझौता लागू किया जाएगा।
वर्ष 2016 के बाद से भारत और अमेरिका में तीन महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
* सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (General Security Of Military Information Agreement- GSOMIA):
भारत और अमेरिका के बीच GSMIA पर वर्ष 2002 में ही हस्ताक्षर किये जा चुके थे।अंतिम 2+2 वार्ता में GSOMIA का विस्तार करते हुए औद्योगिक सुरक्षा अनुलग्नक (Industrial Security Annex-ISA) के लिए एक विस्तार पर हस्ताक्षर किए गए थे।
ISA भारतीय और अमेरिकी रक्षा उद्योग के बीच गोपनीय सैन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान और संरक्षण के लिये एक ढाँचा प्रदान करता है।
* लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement- LEMOA):
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2016 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह समझौता दोनों देशों के रक्षा बलों को एक-दूसरे की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देता है। साथ ही उनके लिये रसद और सेवाओं की पहुंच को आसान बनाता है।
* संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement- COMCASA):
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2018 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह समझौता अमेरिका द्वारा भारत को उन्नत संचार उपकरण स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। ये उपकरण दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच डेटा और वास्तविक समय की जानकारी के सुरक्षित प्रसारण की सुविधा प्रदान करते हैं।
*** भारत और अमेरिका के सैन्य संपर्क में वृद्धि के प्रयासों के तहत अमेरिका द्वारा भारतीय नौसेना के सूचना संलयन केंद्र- हिंद महासागर क्षेत्र [Information Fusion Centre for Indian Ocean Region (IFC-IOR)] पर एक संपर्क अधिकारी की नियुक्ति की गई है।भारत द्वारा हाल ही में बहरीन स्थित अमेरिकी नौसेना के मध्य कमान में एक संपर्क अधिकारी को तैनाती की गई है, साथ ही यू. एस. इंडो-पैसिफिक कमांड (U.S. Indo-Pacific Command -USINDOPACOM) और ‘यू. एस. स्पेशल ऑपरेशंस कमांड’ (U.S. Special Operations Command- USSOCOM) में संपर्क अधिकारियों की तैनाती के अमेरिकी अनुरोध पर भी विचार किया जा रहा है।
भारत-चीन तनाव में वृद्धि के बीच हाल के वर्षों में कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग में वृद्धि हुई है, इसी क्रम में आगामी 2+2 वार्ता में भी अन्य क्षेत्र के साथ रक्षा क्षेत्र के कई महत्त्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन तनाव और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढती सक्रियता के अलावा पनडुब्बी रोधी युद्ध, एंटी मिसाइल डिफेंस, नेटवर्क सेंट्रल वारफेयर आदि इस बैठक के प्रमुख मुद्दे होंगे।
हाल के वर्षों में भारतीय सीमा पर पाकिस्तान और चीन की आक्रामकता में वृद्धि को देखते हुए भारत के लिये अपनी सैन्य शक्ति में वृद्धि करना बहुत ही आवश्यक है।भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौती के खिलाफ सामान विचारधारा वाले देशों को साथ लाने का प्रयास करना चाहिये साथ ही क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से अन्य क्षेत्रों के साथ नौसैनिक सहयोग को बढ़ाया जाना चाहिये।अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में भारत के लिये रूस के साथ संबंध संतुलन को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है, अतः भारत को इस दिशा में भी ध्यान देना होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (18-Sept-2020)भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता(Indo-US upcoming 2 + 2 ministerial level talks)
अमेरिका द्वारा भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच ‘भू-स्थानिक सहयोग के लिये बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौते’ (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-Spatial cooperation- BECA) पर हस्ताक्षर की इच्छा ज़ाहिर की गई है।
भारत-अमेरिका की आगामी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता का आयोजन अक्तूबर माह के अंत तक किये जाने का अनुमान है। भारत द्वारा इस संदर्भ में अपने सुझावों के साथ BECA का एक मसौदा अमेरिका को भेज दिया गया है। BECA, भारत को स्वचालित हार्डवेयर सिस्टम और हथियार जैसे क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों से सटीक हमले के लिये अमेरिकी भू-स्थानिक मानचित्रों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करेगा। भारत-अमेरिका मंत्रिस्तरीय 2+2 वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री भाग लेते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच एक अन्य समुद्री सूचना समझौते को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।अमेरिका के साथ इस समझौते के लागू होने के बाद भारत द्वारा क्वाड (QUAD) के अन्य देशों ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी ऐसा समझौता लागू किया जाएगा।
वर्ष 2016 के बाद से भारत और अमेरिका में तीन महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
* सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (General Security Of Military Information Agreement- GSOMIA):
भारत और अमेरिका के बीच GSMIA पर वर्ष 2002 में ही हस्ताक्षर किये जा चुके थे।अंतिम 2+2 वार्ता में GSOMIA का विस्तार करते हुए औद्योगिक सुरक्षा अनुलग्नक (Industrial Security Annex-ISA) के लिए एक विस्तार पर हस्ताक्षर किए गए थे।
ISA भारतीय और अमेरिकी रक्षा उद्योग के बीच गोपनीय सैन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान और संरक्षण के लिये एक ढाँचा प्रदान करता है।
* लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement- LEMOA):
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2016 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह समझौता दोनों देशों के रक्षा बलों को एक-दूसरे की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देता है। साथ ही उनके लिये रसद और सेवाओं की पहुंच को आसान बनाता है।
* संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement- COMCASA):
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 2018 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, यह समझौता अमेरिका द्वारा भारत को उन्नत संचार उपकरण स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। ये उपकरण दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच डेटा और वास्तविक समय की जानकारी के सुरक्षित प्रसारण की सुविधा प्रदान करते हैं।
*** भारत और अमेरिका के सैन्य संपर्क में वृद्धि के प्रयासों के तहत अमेरिका द्वारा भारतीय नौसेना के सूचना संलयन केंद्र- हिंद महासागर क्षेत्र [Information Fusion Centre for Indian Ocean Region (IFC-IOR)] पर एक संपर्क अधिकारी की नियुक्ति की गई है।भारत द्वारा हाल ही में बहरीन स्थित अमेरिकी नौसेना के मध्य कमान में एक संपर्क अधिकारी को तैनाती की गई है, साथ ही यू. एस. इंडो-पैसिफिक कमांड (U.S. Indo-Pacific Command -USINDOPACOM) और ‘यू. एस. स्पेशल ऑपरेशंस कमांड’ (U.S. Special Operations Command- USSOCOM) में संपर्क अधिकारियों की तैनाती के अमेरिकी अनुरोध पर भी विचार किया जा रहा है।
भारत-चीन तनाव में वृद्धि के बीच हाल के वर्षों में कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग में वृद्धि हुई है, इसी क्रम में आगामी 2+2 वार्ता में भी अन्य क्षेत्र के साथ रक्षा क्षेत्र के कई महत्त्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन तनाव और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढती सक्रियता के अलावा पनडुब्बी रोधी युद्ध, एंटी मिसाइल डिफेंस, नेटवर्क सेंट्रल वारफेयर आदि इस बैठक के प्रमुख मुद्दे होंगे।
हाल के वर्षों में भारतीय सीमा पर पाकिस्तान और चीन की आक्रामकता में वृद्धि को देखते हुए भारत के लिये अपनी सैन्य शक्ति में वृद्धि करना बहुत ही आवश्यक है।भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौती के खिलाफ सामान विचारधारा वाले देशों को साथ लाने का प्रयास करना चाहिये साथ ही क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से अन्य क्षेत्रों के साथ नौसैनिक सहयोग को बढ़ाया जाना चाहिये।अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने में भारत के लिये रूस के साथ संबंध संतुलन को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है, अतः भारत को इस दिशा में भी ध्यान देना होगा।