आधिकारिक बुलेटिन - 1 (11-Jan-2021)^भारतीय नौसेना, सबसे बड़े समुद्री रक्षा अभ्यास सी विजिल 21 के दूसरे संस्करण का समन्वय करेगी^(INDIAN NAVY TO COORDINATE SECOND EDITION OF LARGEST COASTAL DEFENCE EXERCISE – SEA VIGIL 21)
Posted on January 12th, 2021
हर दूसरे साल होने वाले समुद्री रक्षा अभ्यास सी-विजिल-21 के दूसरे संस्करण का आयोजन 12-13 जनवरी 2021 को किया जाएगा। समुद्री रक्षा अभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन जनवरी 2019 में हुआ था। इस अभ्यास में समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र में मौजूद देश के 13 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश, मत्स्य पालन करने वाले और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले समुदाय भी शामिल होंगे। करीब 7516 किलोमीटर वाले तटवर्ती और एक्सक्लूसिव आर्थिक क्षेत्र के दायरे में इस अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। अभ्यास का समन्वय भारतीय नौसेना द्वारा किया जाएगा। पूरे क्षेत्र के लिए मुंबई में 26 नवंबर में हुए आतंकी हमले के बाद समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाई गई है। गौरतलब है आतंकी हमला समुद्री रास्ते से ही हुआ था।
बड़े भौगोलिक क्षेत्र, संबंधित लोगों की ज्यादा संख्या, अभ्यास में शामिल होने वाले भागीदारी की संख्या को देखते हुए इस अभ्यास का दायरा काफी बड़ा है। इसके बड़े दायरे को देखते हुए क्या उद्देश्य हासिल हुए, यह अभ्यास खास हो जाता है। यह अभ्यास भारतीय नौसेना के थिएटर लेवल अभ्यास ट्रोपेक्स (थिएटर लेवल रेडिनेस ऑपरेशनल एक्सराइज) की दिशा में उठाया गया कदम है। जो कि हर दो साल में आयोजित किया जाता है। सी विजिल और ट्रोपेक्स अभ्यास मिलकर समुद्री इलाकों की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। जो कि शांति से संघर्ष के बदलाव की परिस्थितियों में काम आएंगे। भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड, कस्टम और अन्य समुद्री एजेंसियां सी-विजिल में भाग लेंगे। इस अभ्यास के मौके पर रक्षा, गृह, जहाजरानी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मत्स्य, कस्टम, राज्य सरकारें, केंद्र और राज्य सरकारों की अन्य एजेंसियां भी शामिल होंगी।
इसके अलावा छोटे पैमाने पर समुद्री इलाकों के राज्यों में नौसैनिक अभ्यास किए जाते हैं। जिसमें एक से ज्यादा राज्य मिलकर भी अभ्यास करते हैं। जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर देश की सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा करना है। यह अभ्यास उच्च स्तर पर समुद्री क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों का भी आकलन करने में मदद करता है। “सी विजिल 21” समुद्री इलाकों में सुरक्षा की स्थिति का वास्तविक आकलन करने के साथ आगे उसमें सुधार की संभावनाओं का अवसर देता है। जिससे हमारी समुद्री सुरक्षा और मजबूत हो सके।
आधिकारिक बुलेटिन - 1 (11-Jan-2021)भारतीय नौसेना, सबसे बड़े समुद्री रक्षा अभ्यास सी विजिल 21 के दूसरे संस्करण का समन्वय करेगी(INDIAN NAVY TO COORDINATE SECOND EDITION OF LARGEST COASTAL DEFENCE EXERCISE – SEA VIGIL 21)
हर दूसरे साल होने वाले समुद्री रक्षा अभ्यास सी-विजिल-21 के दूसरे संस्करण का आयोजन 12-13 जनवरी 2021 को किया जाएगा। समुद्री रक्षा अभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन जनवरी 2019 में हुआ था। इस अभ्यास में समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र में मौजूद देश के 13 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश, मत्स्य पालन करने वाले और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले समुदाय भी शामिल होंगे। करीब 7516 किलोमीटर वाले तटवर्ती और एक्सक्लूसिव आर्थिक क्षेत्र के दायरे में इस अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। अभ्यास का समन्वय भारतीय नौसेना द्वारा किया जाएगा। पूरे क्षेत्र के लिए मुंबई में 26 नवंबर में हुए आतंकी हमले के बाद समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाई गई है। गौरतलब है आतंकी हमला समुद्री रास्ते से ही हुआ था।
बड़े भौगोलिक क्षेत्र, संबंधित लोगों की ज्यादा संख्या, अभ्यास में शामिल होने वाले भागीदारी की संख्या को देखते हुए इस अभ्यास का दायरा काफी बड़ा है। इसके बड़े दायरे को देखते हुए क्या उद्देश्य हासिल हुए, यह अभ्यास खास हो जाता है। यह अभ्यास भारतीय नौसेना के थिएटर लेवल अभ्यास ट्रोपेक्स (थिएटर लेवल रेडिनेस ऑपरेशनल एक्सराइज) की दिशा में उठाया गया कदम है। जो कि हर दो साल में आयोजित किया जाता है। सी विजिल और ट्रोपेक्स अभ्यास मिलकर समुद्री इलाकों की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। जो कि शांति से संघर्ष के बदलाव की परिस्थितियों में काम आएंगे। भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड, कस्टम और अन्य समुद्री एजेंसियां सी-विजिल में भाग लेंगे। इस अभ्यास के मौके पर रक्षा, गृह, जहाजरानी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मत्स्य, कस्टम, राज्य सरकारें, केंद्र और राज्य सरकारों की अन्य एजेंसियां भी शामिल होंगी।
इसके अलावा छोटे पैमाने पर समुद्री इलाकों के राज्यों में नौसैनिक अभ्यास किए जाते हैं। जिसमें एक से ज्यादा राज्य मिलकर भी अभ्यास करते हैं। जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर देश की सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा करना है। यह अभ्यास उच्च स्तर पर समुद्री क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों का भी आकलन करने में मदद करता है। “सी विजिल 21” समुद्री इलाकों में सुरक्षा की स्थिति का वास्तविक आकलन करने के साथ आगे उसमें सुधार की संभावनाओं का अवसर देता है। जिससे हमारी समुद्री सुरक्षा और मजबूत हो सके।