आधिकारिक बुलेटिन -2 (10-Oct-2019)
भारत नवीकरणीय ऊर्जा के 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्‍य को समय में प्राप्‍त करेगा
(‘India would achieve 1,75,000 MW target on time’ says Secretary, MNRE)

Posted on October 10th, 2019 | Create PDF File

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नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में वर्ष 2022 तक भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्‍य को प्राप्‍त न कर पाने संबंधी क्रिसिल रिपोर्ट पर आधारित मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट पर खंडन जारी किया है।

 

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त न करने संबंधी रिपोर्ट आधारहीन है और वस्‍तुस्थिति को सही रूप से प्रदर्शित नहीं करती। सितम्‍बर 2019 के अंत तक भारत में 82,580 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की स्‍थापना की जा चुकी है और 31,150 मेगावाट की क्षमता स्‍थापित करने के विभिन्‍न चरणों में है। 2021 की पहली तिमाही तक भारत 1,13,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की स्‍थापना कर चुका होगा। यह लक्षित क्षमता का लगभग 65 प्रतिशत होगा। इसके अतिरिक्‍त 49,000 मेगावाट क्षमता की विभिन्‍न परियोजनाएं बोली के विभिन्‍न चरणों में हैं जिन्‍हें सितम्‍बर 2021 तक स्‍थापित कर दिया जायेगा। इससे कुल लक्ष्‍य के 87 प्रतिशत से अधिक क्षमता की स्‍थापना हो सकेगी। वर्तमान में 23,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन की बोली बाकी बची है और भारत को विश्‍वास है कि भारत 1,75,000 मेगावाट की क्षमता न सिर्फ स्‍थापित करेगा बल्कि इससे अधिक अच्‍छा प्रदर्शन करेगा।

 

मंत्रालय ने इस संबंध में समय-समय पर विभिन्‍न मुद्दों का समाधान करने के लिए कार्यरत रहा है और नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग, विकासक, निवेशक और अन्‍य भागीदारकों ने पारदर्शी निविदा प्रणाली और उचित दरों पर बिजली खरीद में सुविधा के लिए मं‍त्रालयों के प्रयासों की सराहना की है। इसके फलस्‍वरूप सौर और पवन ऊर्जा के शुल्‍क में महत्‍वपूर्ण कमी देखी गई हैं। वर्ष 2016 में जहां पवन ऊर्जा 4.18 रुपए की दर पर थी वह गत वर्ष घटकर 2.43 रुपए रह गई और यह आज भी 2.75 प्रति यूनिट से कम है। सौर टेरिफ 4.43 रुपए प्रति यूनिट (वीजीएफ के साथ) से घटकर 2.44 रुपए प्रति यूनिट रह गई है।

 

मार्च, 2014 से भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 138 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 34,000 मेगावाट से बढ़कर 82,580 मेगावाट हो गई है। विश्‍वभर में भारत सौर ऊर्जा में पांचवें स्‍थान पर, पवन ऊर्जा में चौथे और कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्‍थापित क्षमता में चौथे स्‍थान पर है।

 

मंत्रालय संबंधित राज्‍य सरकारों के साथ विचार-विमर्श कर गुजरात में भूमि के आवंटन और राजस्‍थान में भूमि सुधार शुल्‍क मे बदलाव संबंधी मुद्दों का समाधान करने के प्र‍ति तत्‍पर है। मंत्रालय भूमि आवंटन की समस्‍या से निपटने के लिए अल्‍ट्रा मेगा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क की स्‍थापना करने की प्रक्रिया में कार्यरत है। इन पार्क में निर्धारित वितरण सुविधा होगी। ऐसा पहला पार्क एसईसीआई द्वारा गुजरात के धोलेरा में स्‍थापित किया जायेगा।

 

मंत्रालय ने तीन नई योजनाओं की शुरूआत की है। इन योजनाओं से भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ सौर सेल और मॉड्यूल निर्माण क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

 

मीडिया द्वारा संदर्भित क्रिसिल रिपोर्ट न तो तथ्‍यों पर आधारित है और न ही इसमें मंत्रालय द्वारा देश में नवीकरणीय ऊर्जा के विकास संबंधी कार्यक्रमों पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है। क्रिसिल द्वारा मंत्रालय के विचार जानने का प्रयास तक न करने के कारण यह रिपोर्ट विश्‍वसनीय नहीं है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को विश्‍वास है कि भारत न सिर्फ 1,75,000 मेगावाट के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करेगा बल्कि 2022 तक इससे भी अधिक क्षमता स्‍थापित करेगा।