आधिकारिक बुलेटिन -9 (5-Dec-2019)
भारत में सीवरेज क्षेत्र में हाईब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत हरिद्वार के सराय में 14 एमएलडी क्षमता वाला पहला एसटीपी समय से पहले पूरा हुआ (India’s first HAM project in sewerage sector, the 14 MLD STP at Sarai, Haridwar completed before time)

Posted on December 5th, 2019 | Create PDF File

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स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ और रानी सिल्विया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, स्वीडन के राज्य सचिव, डॉ. माजा फजैस्ताद, भारत में स्वीडन के राजदूत श्री क्लाज़ मोलिन, श्री राजीव रंजन मिश्रा, महानिदेशक, एनएमसीजी और सुश्री मोनिका कपिल मोहता, स्वीडन में भारत की राजदूत, ने आज हरिद्वार के सराय में 14 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटनकिया।

सराय का 14 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हाइब्रिड एन्युटी बेस्ड पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत पूरा होने वाला पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें 41.40 करोड़ रुपए लगे हैं और ये प्लांट अपने निर्धारित समय से पहले पूरा हो गया है. यह प्लांट सिक्वेंसल बैच रिएक्टर प्रक्रिया पर आधारित है, जिसमें किसी भी रसायन की आवश्यकता नहीं होती है और यह परियोजना सौ फीसदी पर्यावरण के अनुकूल है. यह प्लांट प्रदूषण नियंत्रण के उच्चतम मानकों को पूरा करता है.

इस एचएएम परियोजना की एक और अनूठी विशेषता यह है कि इसके चालू होने के बाद, इस प्लांट के 15 सालों तक कुशल प्रदर्शन और आउटपुट मापदंडों और संचालन को पूरा करने की जिम्मेदारी एक ही डेवलपर की होगी. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने साल 2035 तक इसपर ध्यान रखेगा।

गंगा में प्रदूषण का मुख्य स्रोत शहरों का सीवेज होता है, जिसको ध्यान में रखते हुए 23,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत से 150 सीवरेज परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है.इसके अलावा गंगा बेसिन में औद्योगिक और प्रदूषण के अन्य स्रोतों की जांच के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जा रहे हैं. ये पहल शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी है.

उत्तराखंड राज्य में गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट की 34 परियोजनाओं को लगभग 1,144 करोड़ रुपए की कुल लागत से शुरू किया गया है. इसमें 165 एमएलडी ट्रीटमेंट क्षमता वाली एसटीपी का निर्माण और 152 किलोमीटर के सीवरेज नेटवर्क बिछाने का काम शामिल है. इनमें से 23 परियोजनाओं को पूरा कर लिए गया है और अन्य पर काम चल रहा है. इनके पूरा होने के बाद उत्तराखंड राज्य के सीवरेज ट्रीटमेंट की सारी जरूरतों को पूरा कर लिया जाएगा जिससे गंगा के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा.  

इसके साथ ही उत्तराखंड में कई घाट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, वनीकरण, ट्रैश स्किमर इत्यादि के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इस वक्तराज्य में 150 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं चल रही हैं.

स्वीडन के राजा की उत्तराखंड की यात्रा की योजना उस दौरान बन गई थी, जब वर्ल्ड वाटर वीक 2019, स्टॉकहोम में उन्होंने नमामि गंगे पैवेलियन का दौरा किया था. एनएमसीजी जिस तरह से तकनीकी और जन भागीदारी को एक साथ करते अपने मिशन को अंजाम दे रहा है, उसमें स्वीडन के राजा ने गहरी दिलचस्पी दिखाई थी. उनकी रुचि को देखते हुए जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उन्हें भारत आने और गंगा पर नमामि गंगे द्वारा चल रहे परियोजनाओं को देखने के लिए आमंत्रित किया था।