पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 2 (15-Apr-2021)हाइड्रोजन : एक वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत(Hydrogen: an alternative energy source)
Posted on April 15th, 2021 | Create PDF File
हाल ही में 'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था-नई दिल्ली संवाद 2021' का आयोजन हुआ है।
भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले द एनर्जी फोरम (टीईएफ) और फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफ़आईपीआई) ने 15 अप्रैल, 2021 को वर्चुअल माध्यम से हाइड्रोजन गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया है जिसका विषय है 'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था- नई दिल्ली संवाद 2021'।
'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था- नई दिल्ली संवाद 2021' अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसमें जाने-माने नीति निर्माता, विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रमुख दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों से भाग लिया है। इस सम्मेलन में नीतिगत रोडमैप तैयार करने से लेकर हाइड्रोजन की मांग और आपूर्ति की मैपिंग की गई है।
इस उच्चस्तरीय गोलमेज सम्मेलन का नेतृत्व भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री ने किया है।
'हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था-नई दिल्ली संवाद 2021' का उद्देश्य
इसका उद्देश्य हाइड्रोजन ऊर्जा के संबंध में साझेदारी व सहयोग को बढ़ाना तथा इससे जुड़ी संभावनाओं व अवसरों का पता लगाना है।
इसके अतिरिक्त, इस गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य विश्व के महाद्वीपों पर मौजूद हाइड्रोजन की वर्तमान पारिस्थितिकी की प्रगति को समझना और थिंक टैंक, सरकारों तथा उद्योग जगत के लिए एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है जहां सभी पक्ष एक साथ आ सकें और सस्ती तथा टिकाऊ प्रौद्योगिकी विकसित करने के अभियान से जुड़ सकें।
गौरतलब है कि दुनिया अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कदम आगे बढ़ा रही है, ऐसे में हाइड्रोजन की महत्ता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, क्योंकि यह एक मात्र ऐसा पारंपरिक ईंधन का स्रोत है जो ऊर्जा आवश्यकता की खाई को पाट सकता है।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (National Hydrogen Energy Mission-NHM)
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (National Hydrogen Energy Mission-NHM) की घोषणा भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में की थी।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के तहत हाइड्रोजन को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
इस मिशन में कहा गया है कि स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये पृथ्वी पर सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक (हाइड्रोजन) का लाभ उठाने पर ज़ोर दिया जाएगा और इसके लिए उपयुक्त नीतियाँ बनाई जाएंगी।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के तहत हरित ऊर्जा संसाधनों से हाइड्रोजन उत्पादन पर बल दिया जाएगा और भारत की बढ़ती अक्षय ऊर्जा क्षमता को हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ा जाएगा।