भारतीय नौसेना का इतिहास(History Of Indian Navy) भाग-3-भारतीय नौसेना दिवस के मनाये जाने का कारण(The reason for celebrating Indian Navy Day)

Posted on December 4th, 2018 | Create PDF File

hlhiuj

आज यानी 4 दिसंबर को नौसेना दिवस (Navy day) मनाया जा रहा है. ये दिन 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है. 4 दिसंबर 1971 को 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के तहत भारत की नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला कर दिया था. इस ऑपरेशन की सफलता की खुशी मनाते हुए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।

 

पहली बार दोनों देशों की नौसेना के बीच हुई जंग

 

1947 और 1965 के बाद 1971 में ये तीसरा मौका था, जब भारत अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से जंग लड़ रहा था. इस जंग में पूर्वी पाकिस्तानी के रूप में बांग्लादेश को गंवाना उसके लिए बड़ा झटका था, इसके अलावा ये पहला मौका था, जब दोनों देशों की नौसेना आमने-सामने थी।

 

क्या था ये पूरा ऑपरेशन?

 

पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर को भारत के हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्रों में हमला किया था, इस हमले का जवाब देने के लिए भारत की तरफ से ऑपरेशन ट्राइडेंट चलाया गया।

 

ऑपरेशन ट्राइडेंट में पहली बार ऐसा मौका आया, जब एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल हुआ. इस ऑपरेशन को 4 से 5 दिसंबर के बीच अंजाम दिया गया था. 1971 के दौर में कराची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए बेहद मायने रखता था।

 

1971 के आखिरी दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव बढा, बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने 3 विद्युत मिसाइल बोट तैनात कर दी थी, उसके बाद ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम दिया गया, इस ऑपरेशन को रात में अंजाम देने की योजना बनाई गई क्योंकि पाकिस्तान के पास ऐसे विमान नहीं थे जो रात में बमबारी कर सकें।

 

बर्बाद हो गया पाकिस्तान

 

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान खुद को संभाल न सका और उसके  3 पोत बर्बाद होकर डूब गए. 1 पोत बुरी तरह डैमेज हुआ और बाद में वह भी बेकार हो गया।

 

इस ऑपरेशन में कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज को भी भारत ने पूरी तरह तबाह कर दिया. भारत की ताकत का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि उसे इस कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ. भारत की तरफ से इस कार्रवाई में 3 विद्युत क्लास मिसाइल बोट और 2 एंटी सबमरीन कोवर्ट ने हिस्सा लिया था.