शिक्षा समसामियिकी 2 (5-Aug-2020)
उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (Higher Education Financing Agency)

Posted on August 5th, 2020 | Create PDF File

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हाल ही में, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के अधीन उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (Higher Education Financing Agency-HEFA) द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को नए शैक्षणिक भवनों, छात्रावासों, तथा अनुसंधान केंद्रों के निर्माण के लिए 455.02 करोड़ रु. का अनुदान प्रदान किया गया है।

 

उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (Higher Education Financing Agency- HEFA) को वर्ष 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार और केनरा बैंक के संयुक्त उपक्रम के रूप में आरंभ किया गया था, जिसमे MHRD तथा केनरा बैंक की भागीदारी क्रमशः 91% तथा 09.09% है।HEFA कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत एक केंद्र सरकार की कंपनी तथा RBI के साथ जमाराशियाँ न स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC-ND) के रूप में पंजीकृत है।इसका उद्देश्य भारत के प्रमुख शिक्षण संस्थानों को वैश्विक स्तर की अनुसंधान एवं विकास (R&D) अवसंरचना के लिए वित्तपोषण प्रदान कर वैश्विक रैंकिंग में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने तथा शीर्ष पर पहुंचने में सक्षम बनाना है।

HEFA संसाधनों को बाजार से निजी/ कॉर्पोरेट इक्विटी के माध्यम से जुटाएगी तथा आवश्यकता पड़ने पर बांड जारी करके वित्त का प्रबंध करेगी।यह भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास (R&D) तथा शैक्षिक अवसरंचना के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं के विकास के माध्यम से उच्च गुणवत्ता युक्त अनुसंधान हेतु वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करती है।उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु विभिन्न योजनाओं के लिए कंपनियों तथा अनुदान द्वारा CSR योगदान का उपयोग करती है।

 

HEFA के अंतर्गत वित्तपोषण, प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत सरकार द्वारा वर्तमान में प्रदान की जा रही अनुदान सहायता को प्रतिस्थापित करेगा।विभिन्न मंत्रालयों द्वारा स्थापित / वित्तपोषित सभी शैक्षणिक संस्थान अपने पूंजीगत व्यय हेतु HEFA से वित्तपोषण के लिए पात्र होंगे।HEFA अनुदान पद्धति की तुलना में संस्थानों को अधिक क्षेत्रों में वित्त पोषण करने में सक्षम होगा।इसके अंतर्गत उच्च स्तर का अवसंरचना निर्माण शीघ्रता से किया जा सकता है, जिससे देश में जनसांख्यिकीय क्षमता का तत्काल सदुपयोग किया जा सकेगा।

 

RISE 2022-

 

शिक्षा में अवसंरचना और प्रणालियों को मजबूती प्रदान करना (Revitalising Infrastructure and Systems in Education– RISE), 2022, को वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में भारत सरकार की एक मुख्य पहल के रूप में स्थान दिया गया था।इसके अंतर्गत, अगले 4 वर्षों के अंदर चुनिंदा उच्च शैक्षणिक संस्थानों में 1,00,000 करोड़ रु. तक के निवेश में वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया है।