राष्ट्रीय समसामयिकी 2 (13-May-2021)
कर्नाटक की हक्कीपिक्की जनजाति
(HakkiPikki Tribe of Karnataka)

Posted on May 13th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में देखा गया कि कर्नाटक में हाक्कीपिक्की (HakkiPikki) जनजाति के कुछ लोग कोविड-19 से बच गए।

 

हक्कीपिक्की जनजाति :

हक्कीपिक्की जनजातियाँ अर्द्ध घुमंतू जनजातीय लोग हैं, इनके गुजराथीओ (Gujrathioa), कालीवाला (Kaliwala), मेवाड़ा (Mewara) और पनवारा (Panwara) चार वंश हैं।

 

ये कई दक्षिण भारतीय भाषाओं जैसे- कन्नड़, तमिल, तेलुगू और मलयालम के साथ-साथ वाग्रिबूली (Vagribooli) भी बोलते हैं जो गुजराती के समान है।

 

‘हक्कीपिक्की’ का अर्थ कन्नड़ में "पक्षी पकड़ने वाले" (Bird Catcher) से है।

 

यह कर्नाटक की एक अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) है।

 

हक्कीपिक्की आदिवासी समुदायों का एक समृद्ध इतिहास है। इनका पैतृक संबंध महाराणा प्रताप सिंह के साथ होने का दावा किया जाता है।

 

हक्कीपिक्की एक क्षत्रिय या योद्धा आदिवासी समुदाय है, जिन्हें मुगलों से पराजित होने के बाद दक्षिण भारत में पलायन करना पड़ा।