पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(22-Nov-2022)ग्रेट नॉट(Great Knot)
Posted on November 22nd, 2022 | Create PDF File
ये केरल के तट पर शीतकालीन प्रवास के लिये रूस से 9,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करतें है।
यह मध्य एशियाई फ्लाईवे (CAF) को पार करने वाले दो प्रवासी पक्षियों में से एक है, दूसरा गुजरात के जामनगर में देखा गया है।
ग्रेट नॉट :
संरचना :
यह एक मध्यम आकार का भारी-भरकम वेडर (लंबी गर्दन व लंबे पैर) वाला पक्षी है जिसकी सीधी गहरी-भूरी चोंच और पीले-भूरे रंग के पैर होते हैं।
इसके सिर पर एक धारीदार क्राउन जैसी संरचना होती है जिसमें अस्पष्ट सफेद भौंहैं होती हैं। इसका ऊपरी हिस्सा भूरे रंग का होता है, जिस पर गहरे पंख होते हैं और निचला हिस्सा सफेद होता है।
इसकी पीठ एकदम सफेद होती है और पूँछ भूरे रंग की होती है।
प्रजनन अंगों के समीप काले धब्बे पाए जाते हैं।
वैज्ञानिक नाम : कैलिडरिस टेनुइरोस्ट्रिस
संरक्षण स्थिति :
IUCN स्थिति : लुप्तप्राय
वितरण :
यह प्रजाति उत्तर-पूर्व साइबेरिया, रूस ऑस्ट्रेलिया साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया के समुद्र तट और भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान तथा अरब प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर सर्दियों में प्रजनन करती है।
भारत में यह गुजरात और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया और चीन का पीत सागर वसंत एवं शरद ऋतु में प्रवासन के दौरान महत्त्वपूर्ण पड़ाव स्थल हैं।
आवास और पारिस्थितिकी:
आश्रय वाले तटीय आवासों में बड़े अंतःज्वारीय मडफ्लैट्स या सैंडफ्लैट्स होते हैं, जिनमें इनलेट्स, बेज़, बंदरगाह, मुहाने और लैगून शामिल हैं।
ये अक्सर समुद्र तटों पर पास के मडफ्लैट्स, स्पिट और टापुओं पर एवं कभी-कभी नग्न चट्टानों या रॉक प्लेटफॉर्म पर देखे जाते हैं।
सेंट्रल एशियन फ्लाईवे (CAF) :
यह रूस (साइबेरिया) में सबसे उत्तरी प्रजनन मैदानों को पश्चिम और दक्षिण एशिया, मालदीव तथा ब्रिटिश हिंद महासागरीय क्षेत्र में सबसे उत्तरी गैर-प्रजनन (सर्दियों) के मैदानों से जोड़ने वाले विभिन्न जलपक्षियों के लिये 30 से अधिक देशों तक फैला एक प्रवास मार्ग है।
CAF दुनिया के नौ फ्लाईवे में से है और भारतीय उपमहाद्वीप से गुजरने वाले इन फ्लाईवे की संख्या तीन है। अन्य दो इस प्रकार हैं:
ईस्ट एशियन ऑस्ट्रेलियन फ्लाईवे (EAAF) और एशियन ईस्ट अफ्रीकन फ्लाईवे (AEAF)।
फ्लाईवे में भारत की रणनीतिक भूमिका है क्योंकि यह इस प्रवासी मार्ग का उपयोग करने वाली 90% से अधिक पक्षी प्रजातियों को महत्त्वपूर्ण पड़ाव स्थल की सुविधा उपलब्ध कराता है।
अपने वार्षिक चक्र के दौरान पक्षियों के एक समूह द्वारा उपयोग किया जाने वाला क्षेत्र फ्लाईवे कहलाता है जिसमें उनके प्रजनन क्षेत्र, सर्दी वाले क्षेत्रों में रुकना शामिल है।