आधिकारिक बुलेटिन -2 (18-Sept-2020)
जल जीवन मिशन के तहत स्मार्ट जल आपूर्ति मापन और निगरानी प्रणाली के लिए ग्रैंड आईसीटी चैलेंज
(GRAND ICT CHALLENGE for Smart supply measurement and monitoring system under Jal Jeevan Mission)

Posted on September 18th, 2020 | Create PDF File

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राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ मिलकर एक 'स्मार्ट जल आपूर्ति मापन और निगरानी प्रणाली' जिसे ग्रामीण स्तर पर तैनात किया जाना है, को विकसित करने के उद्देश्य से एक नवीन, आधुनिक और किफ़ायती उपाय के तौर पर आईसीटी ग्रैंड चैलेंज शुरू किया है। आईसीटी ग्रैंड चैलेंज के तहत भारतीय तकनीकी स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम-एमएसएमई, भारतीय कंपनियों तथा भारतीय सीमित देयता भागीदारी-एलएलपी से प्रस्ताव आमंत्रित किए जायेंगे।

 

जल जीवन मिशन (जेजेएम) का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान करना है। यह योजना घरेलू स्तर पर सेवा वितरण पर अपना ध्यान केंद्रित करती है, अर्थात् निर्धारित गुणवत्ता और नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति। इस कार्यक्रम की व्यवस्थित निगरानी करने और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित रूप से सेवा वितरण डेटा इकठ्ठा करने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग की आवश्यकता है। जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे का डिजिटलीकरण होने से देश की कुछ बड़ी सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढने की क्षमता विकसित होगी। सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह भविष्य की चुनौतियों का पूर्वानुमान तथा पता लगाने में मदद करेगा।

 

आईसीटी ग्रैंड चैलेंज, स्मार्ट ग्रामीण जलापूर्ति तंत्र को बेहतर बनाने के लिए भारत के जीवंत आईओटी पारिस्थितिकी तंत्र को भी मज़बूत करने में मदद करेगा। यह चैलेंज जल जीवन मिशन के लिए काम करने और हर ग्रामीण परिवार को क्रियाशील अवस्था में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की आपूर्ति का आश्वासन देने का अवसर प्रदान करेगा।

 

ग्रैंड चैलेंज वैचारिक स्तर पर, प्राथमिक अवस्था में और क्रियाशील होने के स्तर पर सहायता प्रदान करेगा। परियोजना की शुरुआत 100 गांवों में की जाएगी। सबसे अच्छा समाधान प्रदान करने वाले विजेता को 50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा और प्रतियोगिता में द्वितीय विजेता 20 लाख रुपये दिए जायेंगे। सफल डेवलपर्स को उनके आगे के काम को पूरा करने के लिए एमईआईटीवाई समर्थित इनक्यूबेटर/सीओई में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। इससे आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों के विचार को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।