आधिकारिक बुलेटिन -5 (19-Sept-2019)
गिरिराज सिंह ने देश में मछली पालन के आकड़े जारी किए
(Giriraj Singh released data on fisheries in the country)

Posted on September 19th, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

केंदीय मत्‍स्‍य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्‍ली में देश में मछली उत्‍पादन के आकड़ें- 2018 पर एक पुस्तिका जारी की। ये पुस्तिका भारत सरकार के मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मछली पालन विभाग द्वारा प्रकाशित की गई है। यह मछली पालन आकड़ों का 13वां संस्‍करण है जिसमें मछली पालन क्षेत्र के विभिन्‍न पहलुओं से जुड़े महत्‍वपूर्ण आकड़े दिए गए हैं। आकड़ों का 12वां संस्‍करण 2014 में जारी किया गया था।

 

पुस्तिका जारी करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश में मत्‍स्‍य उत्‍पादन तथा इसके लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं के विकास पर अगले पांच वर्षों में 25000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अलग मंत्रालय का गठन कर मछली पालन क्षेत्र को विशेष महत्‍व दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मछली पालन क्षेत्र किसानों की आय दोगुणी करने में बड़ी भूमिका निभाएंगा। उन्‍होंने आगे कहा कि उनका मंत्रालय अंतरर्देशीय मछली पालन की 14 प्रतिशत की मौजूदा विकास दर को और बढ़ाने के हर संभव प्रयास करेगा। इसके लिए मंत्रालय द्वारा राज्‍य सरकारों और लोगों को जागरुक बनाया जा रहा है।

 

मत्स्य पालन क्षेत्र 1.60 करोड़ से अधिक लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। मत्स्य पालन के विकास से भारत की पोषण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है और उन क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान कर सकता है जहां मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी निवास करती हैं।

 

2017-18 के दौरान अंतर्देशीय क्षेत्र से 8.90 मिलियन मीट्रिक टन और समुद्री क्षेत्र से 3.69 मीट्रिक टन मत्‍स्‍य उत्‍पादन के साथ 12.59 मिलियन मीट्रिक टन का कुल मछली उत्पादन दर्ज किया गया था। 2016-17 की तुलना में 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन में औसत वृद्धि 10.14% (11.43 मिलियन मीट्रिक टन) रही है। यह मुख्य रूप से 2016-17 (7.80 मिलियन मीट्रिक टन) की तुलना में अंतर्देशीय मत्स्य पालन में 14.05% की वृद्धि के कारण है। भारत वर्तमान में मछली का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह जलीय कृषि उत्पादन के साथ-साथ अंतर्देशीय कैप्चर फिशरीज में भी विश्व में दूसरे नंबर पर है।

 

वर्ष 1950-51 के दौरान कुल मछली उत्‍पादन में अंतर्देशीय मछली उत्‍पादन का प्रतिशत योगदान 29 प्रतिशत था, जो 2017-18 में बढ़कर 71 प्रतिशत हो गया है। आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 34.50 लाख टन अंतर्देशीय मछली का उत्‍पादन किया है, जबकि गुजरात देश में समुद्री मछली का सबसे बड़ा (7.01 लाख टन) उत्‍पादक राज्‍य है। तटवर्ती राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 31 जुलाई, 2019 के अनुसार कुल पंजीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं और क्रॉफ्ट की संख्‍या 2,69,047 है।

 

इस अवधि के दौरान मछली और मछली उत्‍पादों के निर्यात में भारी वृद्धि हुई है। निर्यात के लिए उत्‍पादों के विविधीकरण के माध्‍यम से निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2017-18 के दौरान 45,106.90 करोड़ रुपये मूल्‍य के 13,77,243.70 टन मछली और मछली उत्‍पादों का निर्यात हुआ। समुद्री मछली उत्‍पादों के निर्यात में भी वर्ष 2017-18 के दौरान प्रमात्रा के रूप में 21.35 प्रतिशत और मूल्‍य के रूप में 19.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई।