राष्ट्रीय समसामयिकी 2(26-Sept-2022)
गुलाम नबी आजाद ने ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ की स्थापना की
(Ghulam Nabi Azad founded the 'Democratic Azad Party')

Posted on September 26th, 2022 | Create PDF File

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कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को अपने नए दल ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ का गठन किया और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने को चुनावी मुद्दा नहीं बनाएंगे।

 

आजाद की पार्टी की प्राथमिकता :


गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

 

उनके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी थी।

 

कांग्रेस छोड़ने के साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की थी।

 

उन्होंने बताया कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करना और स्थानीय लोगों को भूमि और नौकरी के अधिकारों की रक्षा करना है।

 

गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के नेता हैं और पूर्व में यूपीए सरकार में कई पदों पर रह चुके हैं।

 

इनका जन्म 7 मार्च 1949 को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में हुआ था।

 

मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में गुलाम नबी आजाद संसदीय कार्य मंत्री थे और 27 अक्टूबर 2005 तक इस पद पर रहे इसके बाद वो जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए।

 

इन्होंने जम्मू के जीजीएम कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और 1972 में यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से जूलॉजी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

 

गुलाम नबी आजाद :

 

गुलाम नबी आजाद ने अपना राजनीतिक जीवन काफी जल्दी शुरू कर दिया।

 

1973 में यह भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी बन गए।

 

1980 में गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर राज्य की यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए।

 

महाराष्ट्र की वाशिम लोकसभा सीट से 1980 में चुनकर आने के बाद गुलाम नबी आजाद लोकसभा में दाखिल हुए।

 

1982 में गुलाम नबी आजाद लॉ मिनिस्ट्री में डिप्टी मिनिस्टर के पद पर चुने गए।

 

इसके बाद वो आठवीं लोकसभा के लिए 1984 में भी चुने गए।

 

1990 से 1996 तक गुलाम नबी आजाद राज्यसभा के सदस्य रहे।

 

नरसिम्हा राव की सरकार में गुलाम नबी आजाद संसदीय कार्यमंत्री और नागरिक उड्डयम मंत्री रहे थे।

 

2008 में गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बने और जबकि यूपीए टू शासनकाल में इन्हे स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार दिया गया।