राष्ट्रीय समसामयिकी 1(21-Mar-2023)
गंडक नदी
(Gandak River)

Posted on March 21st, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बिहार के गोपालगंज ज़िले में गंडक नदी पर रिवर फ्रंट के विकास के साथ ही दो घाटों का निर्माण भी किया गया है।

 

राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार, भैसलोटन बैराज से लेकर बिहार के हाजीपुर में गंडक और गंगा नदी के संगम स्थान तक गंडक नदी को देश भर के 111 अन्य NW के साथ राष्ट्रीय जलमार्ग (NW)-37 के रूप में नामित किया गया था।

 

गंडक नदी :

 

गंडक नदी को नेपाल में गंडकी और नारायणी नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत तथा नेपाल के उत्तरी भाग से होकर बहने वाली एक महत्त्वपूर्ण नदी है।

 

बिहार में वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व इस नदी के तट पर स्थित हैं।

 

स्रोत :  

 

गंडक नदी नेपाल सीमा के पास तिब्बत में धौलागीसी के उत्तर में मुख्य समुद्र तल से 7620 मीटर की ऊँचाई से निकलती है।

 

हिमालय से निकलने वाली यह नदी 630 किलोमीटर तक विस्तृत है, जिसमें भारत में इसका विस्तार क्षेत्र 445 किलोमीटर और नेपाल में 185 किलोमीटर है।

 

जल निकासी बेसिन : 

 

गंडक नदी का कुल जल निकासी बेसिन क्षेत्र 29,705 वर्ग किलोमीटर है।

 

यह नदी भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य से होकर बहती है तथा हाजीपुर के निचले भाग में पटना के पास गंगा में जाकर मिलती है।

 

सहायक नदियाँ : 

 

गंडक नदी की प्रमुख सहायक नदियों में मायांगडी, बारी, त्रिशूली, पंचांग, सरहद शामिल हैं। 

 

राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 : 

 

राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसे मार्च 2016 में पारित किया गया था।

 

यह अधिनियम भारत में अंतर्देशीय नदियों और नहरों सहित 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्गों के रूप में घोषित करने का प्रावधान करता है।

 

अधिनियम का उद्देश्य अंतर्देशीय जल परिवहन के विकास को बढ़ावा देना और वस्तुओं एवं यात्रियों हेतु परिवहन का वैकल्पिक साधन प्रदान करना है।