अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (25-Nov-2020)
एफडीआई इन इंडिया: नाउ, नेक्स्ट एंड बियॉन्ड रिपोर्ट
(FDI in India: Now, Next and Beyond Report)

Posted on November 25th, 2020 | Create PDF File

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भारतीय उद्योग परिसंघ-CII और ईवाई (EY) की रिपोर्ट ‘FDI in India: Now, Next and Beyond' के अनुसार, भारत प्रति वर्ष 120-160 बिलियन डॉलर के निवेश को आकर्षित कर सकता है। यदि भारत में इस अनुमानित मात्रा में निवेश आते हैं तो भारत की जीडीपी वृद्धि भी 7-8 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।



भारतीय उद्योग परिसंघ और ईवाई द्वारा सोमवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एफडीआई के अनुपात को 3-4% के बीच बढ़ाता है, तो भारत 2025 तक वार्षिक रूप से 120-160 बिलियन डॉलर के एफडीआई को आकर्षित करने की उम्मीद कर सकता है।वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एफडीआई का अनुपात 2% से भी कम है।इससे भारत की जीडीपी विकास दर भी 7-8% तक पहुँच सकती है।

 


रिपोर्ट के अनुसार, चालू दशक में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.8% की है, जिसमें जीडीपी में एफडीआई का अनुपात लगभग 1.8% है।शीर्ष दस राज्य भारत में आने वाले कुल एफडीआई प्रवाह का 97% आकर्षित करते हैं। इनमें से अकेले चार राज्यों - महाराष्ट्र (28%), कर्नाटक (19%), दिल्ली (16%) और गुजरात (10%) ने अक्टूबर 2019 से जून 2020 तक देश में लगभग 75% एफडीआई प्रवाह से आकर्षित किया है।


भारत सेवा क्षेत्र में सर्वाधिक एफडीआई को आकर्षित करने में सक्षम रहा है। सेवा क्षेत्र सहित ऑटोमोबाइल विनिर्माण, रसायन, दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उच्च-कौशल विनिर्माण क्षेत्रों में कुल एफडीआई प्रवाह का 89% हिस्सा है।इसकी तुलना में कम कौशल वाले विनिर्माण क्षेत्रों जैसे कपड़ा और परिधान, चमड़ा, जूते और फर्नीचर में एफडीआई को आकर्षित करने में सीमित सफलता ही मिली है।सीआईआई और ईवाई के इस सर्वे में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने निवेश के लिए भारत को पसंद के रूप में चुना है।

 


भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों/कंपनी द्वारा भारत में किये गए निवेश को “विदेशी निवेश कहते है।यह मुख्यतः दो तरीकों से होता है- “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI)।
भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों/कंपनी द्वारा गैर-सूचीबद्ध या सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में जब 10 प्रतिशत तक अथवा उससे अधिक पूंजीगत निवेश या हिस्सेदारी/शेयर खरीदी जाती है तो इसे “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कहा जाता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में हिस्सा समेत मताधिकार भी हासिल हो जाता है जिसमें वह कंपनी निवेश करती है।भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों/कंपनी द्वारा गैर-सूचीबद्ध या सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में जब 10 प्रतिशत से कम पूंजीगत निवेश या हिस्सेदारी/शेयर खरीदी जाती है तो इसे विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) कहा जाता है।

 


विश्व निवेश रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत वर्ष 2019 के दौरान दुनियाभर में अत्यधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई पाने वाले देशों में नौवें नंबर पर रहा।UNCTAD यानि संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन की विश्व निवेश रिपोर्ट 2020 के अनुसार वर्ष 2019 में भारत ने 51 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया जबकि यह वर्ष 2018 में 42 बयालीस अरब डॉलर ही था।विकासशील एशिया क्षेत्र में भारत सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल है।



भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) भारतीय कारोबारियों का एक संघ है। जो देश में उद्योग के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम करता है।सीआईआई भारत का एक गैर-सरकारी, गैर- लाभकारी, संगठन है।सीआईआई भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।सीआईआई की स्थापना वर्ष 1895 में हुई थी एवं इस संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में है।इस संगठन के वर्तमान अध्यक्ष उदय कोटक हैं।