नीतिशास्त्र केस स्टडी - 9 (Ethics Case Study - 9)

Posted on March 31st, 2020 | Create PDF File

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Ethics Case Study - 9

 

प्रश्न - आप जिलाधिकारी हैं। आपके जनपद में महिला साक्षरता दर अत्यंत निम्न है। साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए आप कौन-से प्रभावी कदम उठाएंगे ?

 

उत्तर - महिलाओं से संबंधित समस्याओं का मूल कारण लैंगिक भेद है। महिलाओं की शिक्षा में सभी स्तर पर रूकावटें आती हैं। प्राथमिक शिक्षा में प्रायः बच्चियों को घर पर मां का हाथ बटाने के लिए रोक लिया जाता है। उच्चतर स्तर की शिक्षाओं में असुरक्षा की भावना के कारण बच्चियों को विद्यालय नहीं भेजा जाता। उच्च शिक्षाओं के स्तर पर प्रायः इसलिए नहीं भेजा जाता क्‍योंकि वही पारंपरिक सोच विद्यमान रहती है कि
यह पढ़-लिख कर क्‍या करेगी ?

 

सर्वप्रथम प्राथमिक स्तर पर बच्चियों की विद्यालय में उपस्थिति को सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस संदर्भ में मुख्य शिक्षक एवं ग्राम प्रधान की सहायता ली जानी चाहिए ।

 

द्वितीयक स्तर पर यह देखने का प्रयास करना चाहिए कि क्‍या उच्चतर विद्यालय कहीं घर से बहुत दूर तो नहीं है और कानून और व्यवस्था को भी बहुत सुदृढ़ बनाना चाहिए जिससे अभिभावकों के मन से असुरक्षा निकल सके ।

 

तृतीयक स्तर पर सामाजिक जनजागृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रशासन को एक कार्ययोजना बनानी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर इससे संबंधित स्लोगन को जगह-जगह लिखवाना चाहिए और यदि सम्भव हो सके तो थाना दिवस एवं तहसील दिवस की भांति पंचायत दिवस का भी आयोजन करना चाहिए। जिलाधिकारियों को स्वयं समय निकाल कर ग्राम पंचायत पर पहुंचना चाहिए और इससे संबंधित कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ग्रामवासियों को देनी चाहिए।

 

वास्तव में प्रशासन की सक्रियता ही इस प्रकार की समस्याओं का समाधान है। वर्तमान दौर में 'प्रशासन आपके द्वार तक' की अवधारणा पर कार्य करने की आवश्यकता है। यद्यपि महिला और पुरुष की साक्षरता दर में सामान्यतः 10% का अन्तर है। इस अन्तर को दूर करने के लिए अन्य प्रभावी कदमों के साथ कुछ अत्तिरिकत कन्या विद्यालयों की स्थापना की अनुशंसा की जानी चाहिए।

 

जिन प्रखण्डों के विद्यालय में बच्चियों की साक्षरता दर उच्च हो वहाँ के अधिकारियों एवं शिक्षकों का प्रोत्साहन किया जाना चाहिए। बच्चियों को शिक्षा की ओर आकर्षित करने के लिए कुछ योजनाओं की अनुशंसा भी जा सकती है जैसे-साइकिल वितरण,लक्ष्मी निधि राशि, लाडली आदि योजनाओं को सक्रियता से लागू किया जाना चाहिए। प्रशासन का कर्तव्य है कि वह जनसाधारण को यह संदेश दे कि एक लड़की के शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है क्योंकि वह घर की धुरी है।