नीतिशास्त्र केस स्टडी - 7 (Ethics Case Study - 7)

Posted on March 27th, 2020 | Create PDF File

hlhiuj

Ethics Case Study - 7

 

प्रश्न -आपके संसदीय क्षेत्र में प्रायः एक आपराधिक छवि के नेता का निर्वाचन बार-बार होता है। आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि वह चुनाव जीतने के लिए सभी नैतिक एवं अनैतिक साधनों का उपयोग करता है। उसकी छवि आपराधिक है। संसदीय क्षेत्र की जनता भी उसे पसन्द नहीं करती।आप इस सन्दर्भ में क्या कर सकते हैं?

 

उत्तर -भारतीय निर्वाचन प्रणाली में अनेक कमियां हैं। इसके लिए चुनाव सुधार आयोग की स्थापना की गई है। इस आयोग की कुछ संस्तुतियों को लागू भी किया गया है लेकिन राजनीति में बढ़ते हुए अपराध की प्रवृत्ति पर अभी भी रोक नहीं लगाया जा सकता है।

 

वस्तुतः भारतीय राजनीति में पहले राजनीति का अपराधीकरण हुआ फिर अपराधियों का राजनीतिकरण। भारतीय निर्वाचन की समस्या यह है कि जन सामान्य को उपस्थित विकल्पों में से किसी एक का चयन करना पड़ता है। इस समस्या का पूर्ण समाधान तब तक संभव नहीं है जब तक कि जनता को Right to Reject का विकल्प नहीं दिया जाता।

 

लेकिन जब तक इस प्रकार के कानूनों का प्रावधान नहीं होता तब तक एक नागरिक के रूप में मेरा कर्तव्य है कि मैं जनसामान्य को वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराऊं। और यदि संभव हो सके तो विद्यालय एवं विश्वविद्यालय के स्तर पर इस विषय पर व्यापक परिचर्चा एवं आन्दोलन का प्रयास किया जाना चाहिए। यद्यपि एक नागरिक के स्तर पर निर्वाचन प्रणाली में किसी व्यापक परिवर्तन की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इस सन्दर्भ में जन लोकपाल विधेयक एक क्रांतिकारी कदम होगा। हमें इस विधेयक को पास कराने के लिए जनसामान्य की मानसिकता को तैयार करना चाहिए। जहाँ तक इस विशेष सांसद का प्रश्न है उसके अनैतिक कार्यों के लिए हमें प्रशासन को लिखित रूप में निर्वाचन से पूर्व आयोग को अवगत कराना चाहिए। इसे हमें संबंधित निर्वाचन अधिकारी एवं अन्य संस्थाओं के संज्ञान में भी लाना चाहिए। मेरा कार्य इस व्यक्तिगत संघर्ष को सामाजिक संघर्ष में परिणत करने का होना चाहिए।