प्रश्न -आपके ग्राम पंचायत में एक नई सड़क का निर्माण हो रहा है। इस सड़क पर कुछ पुलिया भी बनी है। पुलिया तो बनते ही टूट गई और पहली बारिश के साथ ही सड़क भी क्षत-विक्षत होकर बिखर गई। आपको ज्ञात है कि इसके निर्माण में सामग्री की उचित गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। ऐसी स्थिति में आपका नैतिक उत्तरदायित्व क्या हैं?
उत्तर- भारतीय समाज प्रायः प्रशासनिक कार्यों से तटस्थ रहता है। सरकारी कार्यों को वह अपने व्यक्तिगत कार्यों की भांति नहीं देखता है। वह इस महत्वपूर्ण तथ्य की उपेक्षा करता है कि राष्ट्रीय संपत्ति जनता की ही संपत्ति है और इसमें जनता का ही पैसा लगा हुआ है तथा इसका उपयोग भी अंततः जनता ही करती है, लेकिन फिर भी भारतीय जनमानस में सामाजिक उत्तरदायित्व का अभाव होता है।
एक जागरूक नागरिक के रूप में इस कार्य की शिकायत संबंधित अधिकारी से ही की जानी चाहिए। इससे संबंधित सभी जानकारी के लिए सूचना अधिकार का उपयोग करना चाहिए। यदि जनपद के स्तर पर सूचना की जानकारी न प्राप्त हो सके तो प्रांत के स्तर पर लोकायुक्त की सहायता ली जानी चाहिए और इस प्रकार के आपराधिक कार्यों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस विभाग से संबंधित उच्च अधिकारियों और शासन में मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी आवेदन की एक-एक प्रति भेजी जानी चाहिए |
वस्तुतः भारतीय समाज में इस प्रकार के पहल की अत्यधिक आवश्यकता है।साधारण व्यक्तियों को सामाजिक कार्यों के प्रति संवेदनशील होना होगा। वास्तव में सामाजिक उत्तरदायित्व की चेतना का विकास भारतीय समाज के लिए आज अत्यधिक आवश्यक है।
प्रश्न -आपके ग्राम पंचायत में एक नई सड़क का निर्माण हो रहा है। इस सड़क पर कुछ पुलिया भी बनी है। पुलिया तो बनते ही टूट गई और पहली बारिश के साथ ही सड़क भी क्षत-विक्षत होकर बिखर गई। आपको ज्ञात है कि इसके निर्माण में सामग्री की उचित गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। ऐसी स्थिति में आपका नैतिक उत्तरदायित्व क्या हैं?
उत्तर- भारतीय समाज प्रायः प्रशासनिक कार्यों से तटस्थ रहता है। सरकारी कार्यों को वह अपने व्यक्तिगत कार्यों की भांति नहीं देखता है। वह इस महत्वपूर्ण तथ्य की उपेक्षा करता है कि राष्ट्रीय संपत्ति जनता की ही संपत्ति है और इसमें जनता का ही पैसा लगा हुआ है तथा इसका उपयोग भी अंततः जनता ही करती है, लेकिन फिर भी भारतीय जनमानस में सामाजिक उत्तरदायित्व का अभाव होता है।
एक जागरूक नागरिक के रूप में इस कार्य की शिकायत संबंधित अधिकारी से ही की जानी चाहिए। इससे संबंधित सभी जानकारी के लिए सूचना अधिकार का उपयोग करना चाहिए। यदि जनपद के स्तर पर सूचना की जानकारी न प्राप्त हो सके तो प्रांत के स्तर पर लोकायुक्त की सहायता ली जानी चाहिए और इस प्रकार के आपराधिक कार्यों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस विभाग से संबंधित उच्च अधिकारियों और शासन में मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी आवेदन की एक-एक प्रति भेजी जानी चाहिए |
वस्तुतः भारतीय समाज में इस प्रकार के पहल की अत्यधिक आवश्यकता है।साधारण व्यक्तियों को सामाजिक कार्यों के प्रति संवेदनशील होना होगा। वास्तव में सामाजिक उत्तरदायित्व की चेतना का विकास भारतीय समाज के लिए आज अत्यधिक आवश्यक है।