पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (10-Nov-2019)^पर्यावरणविदों ने सरकारों से कहा- जैव विविधता को पुनस्थार्पित करने के लिए नया दृष्टिकोण अपनाए^(Environmentalists told governments - adopt new approach to restore biodiversity)
Posted on November 10th, 2019
पर्यावरण सरंक्षणवादी वैज्ञानिकों ने दुनियाभर की सरकारों से मांग की है कि वे आर्थिक विकास के पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को लेकर नया दृष्टिकोण अपनाए।
ऑस्ट्रेलिया स्थित क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि दृष्टिकोण ऐसा होना चाहिए जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़े ताकि आर्थिक विकास से होने वाले (पर्यावरणीय)नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।
नए दृष्टिकोण का उल्लेख जर्नल ‘नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में टिप्पणी के तौर पर किया गया है। वैज्ञानिकों ने उस विचार को खारिज कर दिया है जिसके मुताबिक आर्थिक विकास के लिए जैव विविधता को नुकसान अपरिहार्य है।
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेम्स वाटसन ने कहा, ‘‘ इस नए सकारात्मक दृष्टिकोण का विचार पयार्वरण सरंक्षण अनुक्रम पर आधारित है जो जैवविविधता सरंक्षण कार्यक्रम का ढांचा इस आधार पर तैयार करेगा कि कैसे पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण में इनकी हिस्सेदारी होगी।’’
शोधकर्ताओं ने आर्थिक गतिविधियों से सबसे अधिक पर्यावरण को लाभ हो यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक महत्वकांक्षी और अग्रसक्रिय कदम उठाने की मांग की।
वॉटसन ने कहा, ‘‘ संरक्षण गतिविधियां इस पर आधारित होनी चाहिए कि प्राकृतिक दुनिया को संरक्षित रखने में हमारे दृष्टिकोण से कितना मेल खाता है बजाय कि प्रजातियों और पारिस्थिति को बचाने के लिए।’’
शोधकर्ताओं ने कहा कि नीति निर्माताओं को विकास के पर्यावरण पर होने वाले असर को कम करने वाली नीति को तुरंत और गंभीरता से प्राथमिकता देनी चाहिए।
शोधकर्ताओं ने जैवविविधता पर अगले साल चीन में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की बैठक से पहले भाषा एवं दृष्टिकोण में बदलाव करने की मांग की है। इस बैठक में वर्ष 2050 तक के लिए जैव विविधता पर रणनीति बनाने की संभावाना है।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (10-Nov-2019)पर्यावरणविदों ने सरकारों से कहा- जैव विविधता को पुनस्थार्पित करने के लिए नया दृष्टिकोण अपनाए(Environmentalists told governments - adopt new approach to restore biodiversity)
पर्यावरण सरंक्षणवादी वैज्ञानिकों ने दुनियाभर की सरकारों से मांग की है कि वे आर्थिक विकास के पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को लेकर नया दृष्टिकोण अपनाए।
ऑस्ट्रेलिया स्थित क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सहित अन्य वैज्ञानिकों ने कहा कि दृष्टिकोण ऐसा होना चाहिए जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़े ताकि आर्थिक विकास से होने वाले (पर्यावरणीय)नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।
नए दृष्टिकोण का उल्लेख जर्नल ‘नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में टिप्पणी के तौर पर किया गया है। वैज्ञानिकों ने उस विचार को खारिज कर दिया है जिसके मुताबिक आर्थिक विकास के लिए जैव विविधता को नुकसान अपरिहार्य है।
क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेम्स वाटसन ने कहा, ‘‘ इस नए सकारात्मक दृष्टिकोण का विचार पयार्वरण सरंक्षण अनुक्रम पर आधारित है जो जैवविविधता सरंक्षण कार्यक्रम का ढांचा इस आधार पर तैयार करेगा कि कैसे पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण में इनकी हिस्सेदारी होगी।’’
शोधकर्ताओं ने आर्थिक गतिविधियों से सबसे अधिक पर्यावरण को लाभ हो यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक महत्वकांक्षी और अग्रसक्रिय कदम उठाने की मांग की।
वॉटसन ने कहा, ‘‘ संरक्षण गतिविधियां इस पर आधारित होनी चाहिए कि प्राकृतिक दुनिया को संरक्षित रखने में हमारे दृष्टिकोण से कितना मेल खाता है बजाय कि प्रजातियों और पारिस्थिति को बचाने के लिए।’’
शोधकर्ताओं ने कहा कि नीति निर्माताओं को विकास के पर्यावरण पर होने वाले असर को कम करने वाली नीति को तुरंत और गंभीरता से प्राथमिकता देनी चाहिए।
शोधकर्ताओं ने जैवविविधता पर अगले साल चीन में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की बैठक से पहले भाषा एवं दृष्टिकोण में बदलाव करने की मांग की है। इस बैठक में वर्ष 2050 तक के लिए जैव विविधता पर रणनीति बनाने की संभावाना है।