सामजिक समसामियिकी 1 (10-Aug-2020)
‘ईट राइट इंडिया’ मूवमेंट (‘Eat Right India’ Movement)

Posted on August 10th, 2020 | Create PDF File

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केंद्रीय स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान और खाद्य एवं पोषण के बारे में सूचना प्रसार के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि 'ईट राइट इंडिया' मूवमेंट (‘Eat Right India’ Movement) सुरक्षित, स्वस्थ एवं टिकाऊ भोजन की संस्कृति बनाने पर ज़ोर देता है।



CSIR और FSSAI के बीच यह समझौता ज्ञापन भारत में पौष्टिक भोजन एवं उपभोक्ता सुरक्षा समाधान के क्षेत्र में एक उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगा। यह जलवायु-अनुकूल खाद्य उत्पादन प्रणालियों और भूमि एवं जल संसाधनों के संरक्षण पर एक विस्तारित ध्यान केंद्रित करेगा।इस अवसर पर केंद्रीय स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि वर्ष 2050 की परिकल्पित नई खाद्य प्रणाली में स्वस्थ, पौष्टिक, हरी साग-सब्जियों पर आधारित, स्थानीय, मौसमी एवं स्वदेशी खाद्य पदार्थों की मांग में वृद्धि देखी जाएगी।

‘ईट राइट इंडिया' आंदोलन (‘Eat Right India’ Movement):
9 अगस्त, 2020 को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के 'ईट राइट इंडिया' आंदोलन को नौ अन्य फाइनलिस्ट के साथ-साथ 'फूड सिस्टम विज़न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

‘ईट राइट इंडिया’ आंदोलन खाद्य पर्यावरणीय परिदृश्य में सभी हितधारकों द्वारा किया गया एक सामूहिक प्रयास है। इसमें विनियामक क्रियाएँ एवं खाद्य व्यवसायों तथा उपभोक्ताओं की लक्षित पहल शामिल हैं।

 

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने “सही खाओ आन्दोलन/The Eat Right Movement” अभियान का आरम्भ किया है जिससे कि खाद्य उद्योग भोज्य पदार्थों पर लेबल लगाने से सम्बंधित (food labeling regulation) नियमों का पालन कड़ाई से किया जा सके।इस अभियान का उद्देश्य लोगों द्वारा नमक, चीनी एवं तेल की खपत को अगले तीन वर्षों में 30% घटाना है।इस अभियान के दो प्रमुख नारे हैं – “स्वस्थ खाओ” और “सुरक्षित खाओ”।अभियान से आशा की जा रही है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर अधिक-से-अधिक ध्यान देंगे और सही भोजन करते हुए दीर्घायु को प्राप्त करेंगे।आज देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, विटामिन एवं खनिज तत्त्वों की व्यापक कमी और भोजन-जनित रोगों के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसी दशा में आवश्यक है कि इन रोगों से बचाव के लिए निवारक उपाय लागू हों। सही खाओ भारत आन्दोलन इस दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि इससे समाज में व्यवहारगत परिवर्तन संभव है।