पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1 (30-July-2021)
‘अर्थ ओवरशूट डे’, 2021
('Earth Overshoot Day', 2021)

Posted on July 30th, 2021 | Create PDF File

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वर्ष 2021 का ‘अर्थ ओवरशूट डे’ (Earth Overshoot Day), पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक माह पहले 29 जुलाई मनाया गया। उत्सर्जन में वृद्धि होने तथा जैव विविधता की क्षति में तीव्रता होने की वजह से, इसे आगे बढ़ाया गया है।

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ की तिथि का निर्धारण:

प्रतिवर्ष ‘अर्थ ओवरशूट डे’ की तारीख की घोषणा ‘ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क’, (Global Footprint Network) द्वारा की जाती है, यह तत्काल जलवायु कार्रवाई और संवहनीय उपभोग पर कार्य करने वाला एक  वैश्विक संगठन है।

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ :

 

अर्थ ओवरशूट दिवस, प्रतिवर्ष उस तारीख को चिह्नित करता है, जब हम पृथ्वी द्वारा पूरे साल के लिए उपलब्ध कराए गए समस्त संसाधनों का उपभोग कर चुके होते हैं।

 

अर्थात, पृथ्वी द्वारा पूरे वर्ष के दौरान पुनरुत्पादित किए गए सभी जैविक संसाधनों का 29 जुलाई, 2021 तक मानवों द्वारा उपभोग किया जा चुका है।

 

यह दिवस, इस वर्ष एक महीना पहले मनाए जाने का कारण:

 

हम अपने वैश्विक कार्बन फुटप्रिंट में 6% की वृद्धि पहले ही देख चुके हैं, और अमेज़ॅन वर्षा वनों में वनों की अत्याधिक कटाई होने के कारण हमारी वैश्विक वन जैव-क्षमता, 0.5% तक कम हो चुकी है।

 

वर्ष 2020 के दौरान वनों की कटाई में भी 12% की वृद्धि हुई है, और वर्ष 2021 के अनुमानों से पता चलता है, कि यह आंकड़ा साल-दर-साल बढ़ते हुए 43% तक पहुंच जाएगा।

 

वर्तमान चिंताएं:

 

वर्तमान दर के हिसाब से, हम प्रतिवर्ष प्राकृतिक संसाधनों का लगभग 7 गुना अधिक तेज़ी से प्रयोग कर रहे हैं।आज की तारीख से, अर्थात 29 जुलाई से इस वर्ष के अंत तक, हम ‘पारिस्थितिक घाटा व्यय’ (Ecological Deficit Spending) पर कार्य कर रहे हैं।

 

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 1970 के दशक में ‘ओवरशूट’ अवधारणा शुरू होने के बाद से, वर्ष 2021 में हमारा ‘प्राकृतिक संसाधन व्यय’ सर्वाधिक है।

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ की अवधारणा:

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ की अवधारणा, पहली बार यूनाइटेड किंगडम के एक थिंक टैंक ‘न्यू इकोनॉमिक्स फाउंडेशन’ के ‘एंड्रयू सिम्स’ (Andrew Simms) द्वारा प्रस्तुत की गई थी। इन्होने वर्ष 2006 में ‘ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क’ के साथ भागीदारी में पहला ‘ग्लोबल अर्थ ओवरशूट डे’ अभियान शुरू किया था।

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ की गणना:

 

‘अर्थ ओवरशूट डे’ की गणना ग्रह की जैव क्षमता (दिए गए वर्ष में पृथ्वी द्वारा पारिस्थितिक संसाधनों की उत्पादन क्षमता) को मनुष्यों के पारिस्थितिक पदचिह्न (उस वर्ष में मानव द्वारा पारिस्थितिक संसाधनों के उपभोग की मांग) से विभाजित करके और 365 (एक वर्ष में दिनों की संख्या) से गुणा करके की जाती है।

अर्थात, ‘अर्थ ओवरशूट डे’ = (पृथ्वी की जैव क्षमता/मानवता का पारिस्थितिक पदचिह्न) x 365

 

‘पारिस्थितिक पदचिह्न’ :

यह एक मापक होता है, जिसके द्वारा ‘प्रकृति की पुनरुत्पादन की क्षमता’ के विरुद्ध ‘प्रकृति पर मानव- मांग’ की व्यापक रूप से तुलना की जाती है।