स्वास्थ्य समसामयिकी 1(4-Feb-2023)
प्रारंभिक सिकल सेल रोग
(Early Sickle Cell Disease)

Posted on February 4th, 2023 | Create PDF File

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से भारत सरकार सिकल सेल रोग की रोकथाम और प्रबंधन के लिये राज्यों द्वारा किये जा रहे प्रयासों में योगदान दे रही है।

 

केंद्रीय बजट 2023-24 में भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिये एक मिशन की घोषणा की है।

 

सिकल सेल रोग (SCD) :

  

SCD एक पुरानी एकल जीन बीमारी है, जो रक्ताल्पता, तीव्र दर्द का अनुभव और पुरानी चोट तथा जीवनकाल में कमी के कारण एक दुर्बल प्रणालीगत सिंड्रोम का कारण बनता है।

 

लक्षण : 

 

सिकल सेल रोग के लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

 

क्रोनिक एनीमिया :

 

यह थकान, कमज़ोरी और पीलापन का कारण बनता है।

 

तीव्र दर्द (सिकल सेल संकट के रूप में भी जाना जाता है): यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक और तीव्र दर्द पैदा कर सकता है।

 

विलंबित विकास और यौवन।

 

उपचार :  

 

रक्ताधान : ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द संकट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

 

हाइड्रॉक्सीयूरिया : यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की कुछ दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकती है। 

 

इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता है

 

SCD से निपटने हेतु सरकार की पहल : 

 

सरकार ने वर्ष 2016 में सिकल सेल एनीमिया सहित हीमोग्लोबिनोपैथी की रोकथाम और नियंत्रण के लिये तकनीकी परिचालन दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

 

उपचार और निदान हेतु  22 आदिवासी ज़िलों में एकीकृत केंद्र भी स्थापित किये गए हैं।

 

बीमारी की जाँच और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने हेतु मध्य प्रदेश में राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की गई है।