ई. श्रीधरन - दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता (E. Sreedharan - Chief Engineer of Delhi Metro Rail Corporation Project)

Posted on March 27th, 2020 | Create PDF File

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ई. श्रीधरन - (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता)

 

ई. श्रीधरन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता थे। दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट अपनी तरह का भारत में पहला प्रोजेक्ट था। यह प्रोजेक्ट जापान के सहयोग से चलाया गया था। श्रीधरन ने अपने अल्पकाल में समयबद्ध योजना कार्यक्रम से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया। इस प्रोजेक्ट के लिए गहरी तकनीकी सूझबूझ की आवश्यकता थी। यह कार्य न केवल तकनीकी सूझबूझ पर निर्भर था, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट की कार्य योजना एवं उसे समयबद्ध सीमा में पूरा करने का था।

 

श्रीधरन की कार्यशैली निःसंदेह अद्वितीय थी। उनका यह प्रोजेक्ट पूरा करना किसी सपने के साकार होने से कम नहीं था।

 

श्रीधरन ने इस प्रोजेकट को पूरा करने के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाई थी।उन्होंने कार्य को विभिन्‍न भागों में बांट रखा था। कार्य के प्रत्येक भाग के लिए एक अलग अधिकारी को नियुक्‍त किया था जिसकी जवाबदेही उन्होंने सुनिश्चित कर रखी थी। किसी भी भाग के लिए जितने श्रमिकों या उपकरणों की आवश्यकता होती थी वे उससे अतिरिक्‍त रखते थे तथा आवश्यकता पड़ने पर तत्काल दूसरी टीम को कार्य पर लगा देते थे। उनके द्वारा संसाधनों का प्रबंधन एवं तकनीकी कुशलता का व्यापक उपयोग निःसंदेह अद्वितीय था। श्रीधरन की कार्यशैली के कारण ही यह इतना बड़ा प्रोजेक्ट समय सीमा में रहते हुए पूरा किया जा सका।

 

श्रीधरन की प्रतिबद्धता एवं उत्तरदायित्व भारतीय प्रशासन के लिए विशेष उदाहरण है। उनमें स्वयं प्रतिबद्धता एवं उत्तरदायित्व तो था ही साथ ही साथ उनमें अपने अधीनस्थों की प्रतिबद्धता एवं उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने की कुशलता थी। वास्तव में किसी भी कार्य के लिए अनेक सहयोगियों की आवश्यकता होती है। सभी सहयोगियों में सामंजस्य स्थापित करना, कार्यों की क्रमबद्ध योजना बनाना तथा सबके उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करते हुए सभी से समयसीमा के भीतर कार्य को पूरा करा लेना प्रशासनिक दक्षता की पहचान है।

 

श्रीधरन में न केवल तकनीकी कुशलता थी, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी विद्यमान थी। उन्होंने कार्य को पूरा करने के साथ-साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की गुणवत्ता अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर की है। यह पूरा प्रोजेक्ट त्रुटिरहित है। दिल्‍ली जैसे महानगर में साथ ही साथ जहाँ कि भूमि समतल नहीं है और अनेक नाले विद्यमान हैं बिना नियमित यातायात को रोके हुए इस प्रोजेक्ट को पूरा करना किसी चमत्कार से कम नहीं है। दिल्ली के मेट्रो प्रोजेक्ट के पूरा होने के पश्चात्‌ अन्य महानगरों के लिए इस प्रोजेक्ट को पूरा करना अब सहज हो गया है। वास्तव में महत्व इस प्रकार के बड़े प्रोजेक्ट को पहली बार पूरा करने में है और यह भगीरथ प्रोजेक्ट केवल श्रीधरन की दूरदर्शिता, प्रशासनिक दक्षता, तकनीकी कुशलता तथा उत्तरदायित्व एवं प्रतिबद्धता के कारण ही पूरा हो सका। अब किसी अधिकारी के लिए यह कहना संमव नहीं है कि कोई बड़ा प्रोजेक्ट समयसीमा में पूरा नहीं हो सकता। जिन विषम परिस्थितियों में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया गया वह श्रीधरन के  महान व्यक्तित्व का परिचय देता है। श्रीधरन की प्रशासनिक दक्षता से अनेक बातें अनुकरणीय हैं। जैसे उनकी कार्यशैली, कार्ययोजना, कार्यों की प्राथमिकता, संसाधनों का समुचित उपयोग, अधीनस्थों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना आदि है।