आधिकारिक बुलेटिन -4 (16-Oct-2020)
डॉ. हर्षवर्धन ने एफएसएसएआई द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की
(Dr Harsh Vardhan chairs event on ‘World Food Day’ organized by FSSAI)

Posted on October 16th, 2020 | Create PDF File

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केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज 'विश्व खाद्य दिवस' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम का आयोजन एफएसएसएआई द्वारा किया गया था। इस वर्ष की विषयवस्तु है- ‘ग्रो, नरिश, सस्टेन टूगेदर’। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड महामारी के कारण आज दुनिया के सामने अभूतपूर्व चुनौतियां पैदा हो गई हैं। इसलिए भोजन, पोषण, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और स्थिरता पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान का लक्ष्य पर्यावरण की दृष्टि से एक स्थिर तरीके से सभी के लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन को बढ़ावा देना है। यह सभी नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के अधिकार का एक हिस्सा है। इससे खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार होगा और देश के नागरिकों की स्वच्छता और स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होगी।

 

इस वर्ष खाद्य आपूर्ति श्रृंखला से ट्रांस-फेट का उन्मूलन करना मुख्य उद्देश्य है। आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेलों (पीएचवीओ) (जैसे वनस्पति, शॉर्टनिंग, मार्जरीन आदि) में बेक या तले हुए खाद्य पदार्थों में एक खाद्य टॉक्सिन, ट्रांस-फैट देश में गैर-संचारी बीमारियों के बढ़ने का प्रमुख कारक है। डॉ. हर्षवर्षन ने कहा कि ट्रांस-फैट कार्डियो वस्कुलर बीमारियों (सीवीडी) के लिए एक परिवर्तनीय जोखिम कारक है। सीवीडी जोखिम कारक को विशेष रूप से कोविड-19 के दौरान समाप्त करना विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि सीवीडी से ग्रस्त व्यक्ति गंभीर स्थितियों में पहले ही प्रवृत्त होते हैं इससे मृत्यु दर पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने वर्ष 2022 तक भारत को ट्रांस फैट से मुक्त बनाने के लिए सरकार के प्रयासों का स्मरण कराया और यह कहा कि उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के लक्ष्य से एक साल पहले ही इस अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। यह लक्ष्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आजादी के 75 साल पूरे होने पर लिए गए ‘न्यू इंडिया’ के विज़न के अनुरूप है।

 

‘ईट राइट इंडिया’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की परिवर्तनकारी क्षमता को दोहराते हुए, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन के साथ मिलकर ये दो आंदोलन तथा पर्यावरण मंत्रालय के अन्य प्रयासों से भारतीयों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और पर्यावरण की स्थिति भी सुधरेगी।”

 

इंटरनेट के चमत्कारों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर जिज्ञासु नागरिक सभी उपलब्ध जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने एफएसएसएआई के अधिकारियों से जागरूकता और उपभोक्ता शिक्षा का लाभ उठाने वाली प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए कहा, ताकि नागरिक जिम्मेदार विकल्प चुन सकें।

 

उन्होंने स्कूलों के लिए ‘ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज’ की शुरूआत की, जो एक पोस्टर और फोटोग्राफी प्रतियोगिता है और जिसका उद्देश्य स्वस्थ आहार आदतों को बढ़ावा देना है। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन और द फूड फाउंडेशन, यूके के साथ साझेदारी में एफएसएसएआई के 'ईट स्मार्ट सिटी' (चुनौती) का भी शुभारंभ किया, इससे भारत के स्मार्ट शहरों में सही भोजन प्रक्रियाओं और आदतों के माहौल को तैयार करने में मदद मिलेगी और यह अन्य शहरों के लिए अनुपालन के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है।

 

 

डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर कई पुस्तकों/दिशानिर्देशों को लॉन्च किया:

 

• स्कूल कैंटीन/मेस को दोबारा सुरक्षित रूप से खोलने के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता दिशा-निर्देश भी जारी किए गए, जिनके बारे में सभी हितधारकों द्वारा ‘न्यू नॉर्मल ऑफ कोविड-19’ में श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के रूप में अनुपालन करने पर प्रकाश डाला गया है। इनमें स्पष्टीकरण के साथ व्यक्तिगत और पर्यावरण संबंधी स्वच्छता और आम मिथकों के बार में सुझाव भी शामिल हैं।

 

• ‘डू यू ईट राइट’ नामक पुस्तक खाद्य और पोषण तथा ईट राइट पहलों के बारे में तकनीकी अवधारणाओं का आम जनता के लिए एक सरल पारंपरिक शैली में अनुवाद करने में मदद करेगी।

 

• ईट राइट कैंपस के लिए 'ऑरेंज बुक' जरूरी या आवश्यक खाद्य सुरक्षा और साफ-सफाई की जरूरतों को कैंपस कैंटीनों में लागू करने के लिए एक संसाधन मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी। यह स्वस्थ और पर्यावरण रूप से अनूकुल भोजन, कार्यस्थलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालायों, संस्थानों और अस्पतालों में सभी व्यक्तियों के बीच जागरूकता पैदा करने का प्रावधान भी सुनिश्चित करती है।

 

• डेली रिकमंडेशन एंड फूड फॉर्टीफिकेशन- एफएसएसएआई द्वारा राज्यों के लिए लांच की गई एक पुस्तक है, जो राज्य सरकार के अधिकारियों को खाद्य सुदृढ़ीकरण की चारो ओर व्याप्त मुख्य चिंताओं के उत्तर उपलब्ध कराती है। यह पुस्तक विटामिन ए, विटामिन डी, आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की औसत खुराक में कमी के बारे में पूरी जानकारी देगी। इस पुस्तक में प्रत्येक भोजन में फोर्टिफाइड स्टेपल को शामिल करने के बारे में भी जानकारी दी गई है।