आधिकारिक बुलेटिन -2 (16-Sept-2019)
दूरदर्शन ने अपना 60वां स्‍थापना दिवस मनाया
(Doordarshan Celebrates 60th Foundation Day)

Posted on September 16th, 2019 | Create PDF File

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केन्‍द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने दूरदर्शन की स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई दिल्‍ली में आयोजित समारोह में भाग लिया।

 

इस अवसर पर श्री जावड़ेकर ने दूरदर्शन द्वारा पिछले 60 वर्षों में निभाई गई भूमिका को रेखांकित किया। उन्‍होंने दूरदर्शन द्वारा दिखाए गए पुराने कार्यक्रमों की याद दिलाते हुए कहा कि किस तरह दूरदर्शन दशकों से लोगों का मनोरंजन करता आ रहा है। उन्‍होंने दूरदर्शन द्वारा नयी प्रौद्योगिकी अपनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि आज दूरदर्शन डिजिटल माध्‍यमों के जरिए लोगों की हथेलियों पर मोबाइल एप के रूप में पहुंच गया है। उन्‍होंने इस अवसर पर डीडी फ्रीडिश के तेजी से हो रहे विस्‍तार और इस पर ज्‍यादा से ज्‍यादा चैनलों द्वारा खुद को दिखाए जाने की होड़ का भी उल्‍लेख किया।

 

श्री जावड़ेकर ने कहा कि दूरदर्शन की विश्‍वसनीयता ही उसका यूएसपी है। उन्‍होंने कहा कि डीडी इंडिया अब जल्‍दी ही पूरी दुनिया में देखा जा सकेगा। उन्‍होंने दिखाई जाने वाली विषयवस्‍तु की गुणवत्‍ता में सुधार के महत्‍व पर जोर देते हुए प्रतिभावान अधिकारियों को शामिल करने के प्रसार भारती के फैसले की सराहना की।

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे ने इस अवसर पर कहा कि दूरदर्शन और डीडी न्‍यूज दोनों ने समय के साथ नयी प्रौद्योगिकी को अपनाया है। उन्‍होंने कहा कि दूरदर्शन आज सबसे बड़ा लोकप्रसारक बन चुका है। ब्रेकिंग न्‍यूज देने की होड़ के दौर में दूरदर्शन ने सटीक, विश्‍वसनीय और ताजा जानकारी देने की अपनी परंपरा को कायम रखा है।

 

प्रसार भारती के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्‍पति ने कहा कि दूरदर्शन युवा श्रोताओं के साथ जुड़कर नया रूप ले रहा है। उन्‍होंने डिजिटल प्‍लेटफार्म पर दूरदर्शन के तेजी से जगह बनाने का भी जिक्र किया।

 

 

श्री जावड़ेकर ने दूरदर्शन के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में विशेष डिजाइन वाला डाक टिकट जारी किया।

 

उन्‍होंने इस अवसर पर अमिताभ बच्‍चन की आवाज में रिकॉर्ड की गई श्री आलोक श्रीवास्‍तव की कविता भी जारी की। यह कविता श्री बच्‍चन ने खासतौर से दूरदर्शन को समर्पित की है। इसमें दूरदर्शन द्वारा भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत को संरक्षित रखने और प्रोत्‍साहित करने, महिला सशक्तिकरण तथा हरित क्रांति को बढ़ावा देने का जिक्र किया गया है। इसके जरिए दूरदर्शन के पिछले 60 वर्षों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए यह बताने की कोशिश भी की गई है कि किस तरह से दूरदर्शन नये भारत का प्रतीक बन चुका है।

 

श्री जावड़ेकर ने डीडी फ्री डिश और डीडी इंडिया पर कोरिया गणराज्‍य के सरकारी प्रसारक चैनल केबीएस वर्ल्‍ड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भारत में कोरिया के राजदूत श्री शिन बोंगकिल भी उपस्थित थे।

 

समारोह में जाना-माना खानपान कार्यक्रम ‘वाह क्‍या टेस्‍ट है’ को भी दिखाया गया। इसकी प्रस्‍तुति बिहारी बाबू के नाम से पहचाने जाने वाले एंकर चार्ल्‍स थॉमसन ने दी। श्री जावडेकर ने इस अवसर पर दूरदर्शन पर एक पुस्तिका भी जारी की।

 

 

दूरदर्शन ने 15 सितंबर 2019 को अपनी स्‍थापना के 60 वर्ष पूरे कर लिए। इसी दिन 1959 को दूरदर्शन की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर की गई थी। अपने साठ साल का लंबा सफर तय करते हुए दूरदर्शन आज दुनिया के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में से एक बन चुका है और राष्‍ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है । देश की कई पीढि़यां दूरदर्शन देखकर बड़ी हुई हैं।

 

 

जहां तक समाचारों की विश्‍वसनीयता और लोक प्रसारक की भूमिका तथा मनोरंजन के माध्‍यम की बात है, दूरदर्शन का कोई मुकाबला नहीं है। रामायण, महाभारत, हम लोग, बुनियाद, मालगुड़ी डेज़ और उड़ान जैसे पुराने दौर के कार्यक्रमों से लेकर आज के समय में राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय घटनाओं की हाईटैक कवरेज तथा स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे विषयों पर प्रभावित कार्यक्रम का सवाल है दूरदर्शन सभी आयु वर्ग के लोगों का पसंदीदा प्रसारण माध्‍यम बना हुआ है। यह देश के सामाजिक ताने-बाने को समृद्ध बनाने में भी बड़ा योगदान कर रहा है।