आधिकारिक बुलेटिन -2 (4-Sept-2019)^गैरकानूनी क्रिया कलाप निवारण कानून-1967 के अन्तर्गत कुछ व्यक्ति आंतकवादी घोषित^(Declaration of certain individuals as terrorists under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967)
Posted on September 4th, 2019
गैरकानूनी क्रिया कलाप निवारण कानून-1967 में हाल ही में किए गये संशोधन के अनुसार, केन्द्र सरकार ने निम्नलिखित व्यक्तियोंको आंतकवादी घोषित करते हुए उनके नाम को कानून की अनुसूची-4 में शामिल करने का निर्णय लिया है:
1. मौलाना मसूद अजहर : जैश-ए-मुहम्मद का प्रमुख, संस्थापक और मुख्य नेता
2. हाफिज मुहम्मद सईद : लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावाका प्रमुख,संस्थापक और मुख्य नेता
3. जकी-उर-रहमान लखवी: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य संचालक कमाण्डर और उसके संस्थापक सदस्यों में से एक
4. दाउद इब्राहिम कासकर :एक अन्तर्राष्ट्रीय आपराधिक संगठन चलाता है और आंतकवादी घटनाओं में सम्मिलित है।
उपर्युक्त सभी व्यक्ति भारत में आंतकी हमलों में शामिल रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इन्हें वैश्विक आंतकवादी घोषित किया जा चुका है।
पहले जब आंतकवादी संगठनों को प्रतिबन्धित किया जाता था तो उससे जुड़े व्यक्ति आसानी से नाम परिवर्तित कर लेते थे और आंतकवादी गतिविधियां जारी रखते थे।
आधिकारिक बुलेटिन -2 (4-Sept-2019)गैरकानूनी क्रिया कलाप निवारण कानून-1967 के अन्तर्गत कुछ व्यक्ति आंतकवादी घोषित(Declaration of certain individuals as terrorists under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967)
गैरकानूनी क्रिया कलाप निवारण कानून-1967 में हाल ही में किए गये संशोधन के अनुसार, केन्द्र सरकार ने निम्नलिखित व्यक्तियोंको आंतकवादी घोषित करते हुए उनके नाम को कानून की अनुसूची-4 में शामिल करने का निर्णय लिया है:
1. मौलाना मसूद अजहर : जैश-ए-मुहम्मद का प्रमुख, संस्थापक और मुख्य नेता
2. हाफिज मुहम्मद सईद : लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावाका प्रमुख,संस्थापक और मुख्य नेता
3. जकी-उर-रहमान लखवी: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य संचालक कमाण्डर और उसके संस्थापक सदस्यों में से एक
4. दाउद इब्राहिम कासकर :एक अन्तर्राष्ट्रीय आपराधिक संगठन चलाता है और आंतकवादी घटनाओं में सम्मिलित है।
उपर्युक्त सभी व्यक्ति भारत में आंतकी हमलों में शामिल रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इन्हें वैश्विक आंतकवादी घोषित किया जा चुका है।
पहले जब आंतकवादी संगठनों को प्रतिबन्धित किया जाता था तो उससे जुड़े व्यक्ति आसानी से नाम परिवर्तित कर लेते थे और आंतकवादी गतिविधियां जारी रखते थे।