नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 216

Posted on September 24th, 2019 | Create PDF File

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प्रश्न-1 : कार्बन में अपने अन्य परमाणुओं के साथ जुड़ने की विशिष्ट क्षमता होती है, जिससे बड़े अणु बनते हैं। इस गुणधर्मिता को क्या कहते हैं ?

 

(a) सहसंयोजकता (Covalency)

(b) चतु:संयोजकता (Tetravalency)

(c) अपररूपता (Allotropy)

(d) शृंखलन (Catenation)

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-1 : (d)

 

व्याख्या : 

  • कार्बन में कार्बन के अन्य परमाणुओं के साथ जुड़ने की अद्वितीय क्षमता होती है, जिससे बड़े अणुओं की उत्पत्ति होती है। इस गुण को शृंखलन कहा जाता है। इन यौगिकों में कार्बन की लंबी शृंखला हो सकती है, कार्बन के परमाणु शाखा शृंखला या यहाँ तक कि कार्बन के छल्लों में भी व्यवस्थित हो सकते हैं।
  • इसके अलावा, कार्बन के परमाणुओं को एकल, डबल या ट्रिपल बांड से भी जोड़ा जा सकता है। कार्बन के यौगिकों को, जो कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एक बांड द्वारा जुड़े हुए होते हैं, उन्हें संतृप्त यौगिक कहा जाता है। कार्बन के जिन यौगिकों में अपने कार्बन परमाणुओं के बीच डबल या ट्रिपल बांड होते हैं उन्हें असंतृप्त यौगिक कहा जाता है।
  • शृंखलन का गुण जिस हद तक कार्बन यौगिकों में देखा जाता है, वह किसी भी अन्य तत्त्व में प्रदर्शित नहीं होता है। सिलिकॉन हाइड्रोजन के साथ यौगिक बनाता है जिनमें सात या आठ परमाणुओं तक की शृंखला होती है। कार्बन-कार्बन बांड बहुत मजबूत होता है और इसलिये, स्थिर होता है। अत: विकल्प (d) सही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : ‘रक्तदाब’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

  1. निलय शिथिलन के दौरान धमनी के अंदर रक्त का दाब प्रकुंचन दाब कहलाता है।  
  2. सामान्य प्रकुंचन और अनुशिथिलन दाब क्रमश: 120 mm (पारा) और 80 mm (पारा) होता है।
  3. रक्तदाब को स्फाईग्मोमैनोमीटर (Sphygmomano-meter) नामक यंत्र से मापा जाता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -

(a) केवल I

(b) केवल I और II

(c) केवल II और III

(d) I, II और III

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

रक्तदाब

  • वह बल जिसे रक्त धमनी की भित्ति के विपरीत डालता है उसे रक्तदाब कहा जाता है। यह दबाव नसों की तुलना में धमनियों में बहुत अधिक होता है। निलय संकुचन (वेंट्रिकुलर सिस्टोले) के दौरान धमनी के अंदर खून के दबाव को संकुचन (सिस्टोलिक) दाब कहा जाता है और अनुशिथिलन (वेंट्रिकुलर डीएस्टोले) के दौरान धमनी में दबाव डायस्टोलिक दाब कहलाता है। अत: कथन 1 सही नहीं है।
  • सामान्य संकुचन दाब लगभग 120 मिमी. पारा और अनुशिथिलन दाब 80 मिमी. पारा होता है।
  • स्फाईग्नोमैनोमीटर नामक यंत्र से रक्तदाब मापा जाता है। उच्च रक्तदाब को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है और धमनियों के संकुचन के कारण होता है, जिसका परिणाम रक्त प्रवाह में प्रतिरोधकता की वृद्धि होता है। अत: कथन 2 और 3 सही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : बायोइनफॉरमैटिक्स के संदर्भ में ‘ट्रांसक्रिप्टोम’ (Trans-criptome) पद संदर्भित है -

 

(a) एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन तंत्र से

(b) जीन अभिव्यक्ति के तंत्र से

(c) जीनोम एडिटिंग में प्रयुक्त एंज़ाइम का परास

(d) एक जीव द्वारा अभिव्यक्त mRNA अणुओं की पूरी शृंखला

 

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-3 : (d)

 

व्याख्या : 

  • ट्रांसक्रिप्टोम (transcriptome) एक कोशिका या सेल्स पोपुलेशन (कोशिका चक्र के विशेष चरणों में विशिष्ट अनुपात वाले कोशिकाओं का एक समूह) में सभी RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) अणुओं का सेट है।
  • जीनोम, जो किसी दी गई कोशिकीय रेखा (उत्परिवर्तनों को छोड़कर) के लिये मोटे तौर पर निर्धारित होता है, के विपरीत ट्रांसक्रिप्टोम बाहरी पर्यावरणीय परिस्थितियों के साथ भिन्नता प्रदर्शित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें कोशिका में सभी मेसेंजर आरएनए (एम.आर.एन.ए.) टेप शामिल हैं, ट्रांसक्रिप्टोम जीन को प्रतिबिंबित करता है। अत: (d) सही उत्तर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : निम्नलिखित में से कौन-सा अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction) का तरीका नहीं है ?

 

(a) पुनर्जनन

(b) मुकुलन

(c) संयोजन

(d) विखंडन

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

  • विखंडन (fission)- जब माता के शरीर में पुत्री का शरीर आकार ग्रहण करता है तो प्रजनन की इस विधि को विखंडन कहते है। एक कोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन या विखंडन नए जीवों को जन्म देता है। विखंडन के विभिन्न स्वरूप देखे गए हैं। अनेक जीवाणु व प्रोटोजोआ कोशिका विभाजन के दौरान दो बराबर टूकड़ों में बँट जाते हैं। अमीबा जैसे जीवों में कोशिका विभाजन के दौरान दो कोशिकाओं में बँटने की क्रिया किसी भी समय हो सकती है।
  • पुनर्जनन (regeneration)- अनेक भिन्न जीवों के भागों से दूसरे नए जीव उत्पन्न होने की क्षमता को पुनर्जनन कहते हैं। अर्थात् किसी जीव को कई भागों में काटने या तोड़ने से प्रत्येक कटे या टूटे भाग का एक अलग जीव में बदल जाना। जैसे hydra और planaria मुकलन (budding)- एक विशेष संरचना जिसे कलिका (bud) कहते हैं, माता के शरीर में बनती है। इससे पुत्री शरीर की संरचना बनती है जो परिपक्वता प्राप्त करने के साथ शरीर से अलग होकर अलग जीव बन जाती है। इस प्रक्रिया को मुकलन कहते हैं। उदहारण के लिये hydra में एक कलिका विकसित होती है जो एक विशेष स्थान पर कई बार कोशिका विभाजन का कारण होती है।
  • वानस्पतिक प्रजनन (vegetative propagation)- ऐसे अनेक पौधे हैं जिनमें जड़, तना तथा पत्तियाँ अनूकुल परिस्थितियों में एक नए पौधे के रूप में विकसित हो जाती हैं। इस प्रकार का वानस्पतिक प्रजनन गन्ने, गुलाब, अंगूर आदि में पाया जाता है। इनकी जड़ों, तनों तथा पत्तियों से नए पौधे तैयार हो जाते हैं। एसोसिएशन अलैंगिक प्रजनन की विधि नहीं है। अत: (c) सही उत्तर है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : निम्नलिखित में से कौन सी घटना अपवर्तन का एक उदाहरण नहीं है ?

 

(a) सितारों का टिमटिमाना

(b) आकाश में इंद्रधनुष

(c) जल्दी सूर्योदय और देर से सूर्यास्त

(d) आकाश का नीला रंग

         

उत्तर - ()

 

उत्तर-5 : (d)

 

व्याख्या : 

  • अपवर्तन: एक माध्यम से दूसरे माध्यम में तरंग की गति की दिशा में परिवर्तन अपवर्तन कहलाता है। प्रकाश तरंगें जब एक पारदर्शी माध्यम में दूसरे पारदर्शी माध्यम से होकर गुज़रती हैं तो वे अपवर्तित होती हैं क्योंकि प्रकाश की गति विभिन्न माध्यमों में भिन्न होती है। अपवर्तन के उदाहरणों में शामिल हैं- टिमटिमाते हुए तारे, आकाश में इंद्रधनुष, जल्दी सूर्योदय और देर से सूर्यास्त।
  • प्रकाश का प्रकीर्णन: जब ऊर्जा तरंगें (जैसे प्रकाश, ध्वनि तथा विभिन्न विद्युत तरंगें) किसी ऐसे माध्यम से गुज़रती हैं जिसमें धूल तथा अन्य पदार्थों के अत्यंत सूक्ष्म कण होते हैं तो इनके द्वारा प्रकाश सभी दिशाओं में प्रसारित हो जाता है, इस घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। पृथ्वी के वातावरण में अनेक सूक्ष्म कण जैसे धुआँ, पानी की बूंदें, धूल आदि होते हैं।
  • जब प्रकाश की तरंगें इन सूक्ष्म कणों से टकराती हैं तो किरण पुंज चमकने लगता है। यह प्रकाश इन सूक्ष्म कणों से परावर्तित होकर हम तक पहुँचता है। इन सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन की इस घटना को टिंडल प्रभाव (tyndall effect) कहते हैं।
  • परावर्तित किरणों का रंग परावर्तित कणों के आकार पर निर्भर करता है। बहुत छोटे कण मुख्यत: नीले रंग में प्रकीर्णन करते हैं, जबकि बड़े आकार वाले कण बड़े तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का प्रकीर्णन करते हैं। आकाश का नीला होना, समुद्र की गहराई में जल का रंग, सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल होना  काश के प्रकीर्णन के कारण होता है। अत: (d) सही नहीं है।