नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 215

Posted on September 22nd, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

प्रश्न-1 : गिल्ट फंड के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. गिल्ट फंड निवेशक अपने धन का निवेश केंद्र तथा राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में करते हैं।
  2. गिल्ट फंड के साथ ब्याज दर जोखिम नहीं जुड़ा होता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-1 : (a)

 

व्याख्या : 

  • जब भारत सरकार को धन (या ऋण) की आवश्यकता होती है, तो वह भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) से संपर्क करती है। तत्पश्चात् आर.बी.आई. बीमा कंपनियों और बैंकों जैसी अन्य संस्थाओं से धन लेने के बाद सरकार को उधार देता है।
  • दिये गए ऋण के बदले आर.बी.आई. एक विशिष्ट अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियाँ (राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी) जारी करता है, जिसका अभिदाता गिल्ट फंड का फंड मैनेजर होता है। परिपक्वता पर यह गिल्ट फंड सरकारी प्रतिभूतियों को लौटा देता है और बदले में धन प्राप्त करता है। अतः कथन 1 सही है।
  • गिल्ट फंड्स ऋण बाज़ार के साधन हैं और इनमें साख जोखिम (क्रेडिट रिस्क) बहुत कम होता है लेकिन इनका रिटर्न ब्याज दरों के बदलाव पर अत्यधिक निर्भर होता है। इनमें ब्याज दर का जोखिम जुड़ा होता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-2 : प्रोटियम, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं। इनमें होती हैं -

  1. न्यूट्रॉन की समान संख्या 
  2. समान परमाणु भार  
  3. प्रोटॉन की समान संख्या
  4. समान परमाणु संख्या

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -

(a) केवल I और III

(b) केवल II और III

(c) केवल III और IV

(d) केवल I, II और III

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-2 : (c)

 

व्याख्या : 

  • समस्थानिक (Isotope): आइसोटोप एक विशिष्ट रासायनिक तत्त्व के प्रकार हैं जिनमें न्यूट्रॉनों की संख्या में भिन्नता होती है। किसी दिये गए तत्त्व के सभी आइसोटोपों के प्रत्येक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या समान होती है (और इसलिये उनका परमाणु क्रमांक समान होता है)।
  • एक तत्त्व के विभिन्न आइसोटोप्स आवर्त-सारणी पर एक ही स्थान पर स्थित होते हैं। चूँकि उनमें न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न-भिन्न होती है, इसलिये सभी आइसोटोपों के परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न होते हैं। अत: (c) सही विकल्प है।
  • संभारिक (Isobar): संभारिक विभिन्न रासायनिक तत्त्वों के परमाणु (न्यूक्लाइड्स) होते हैं जिनमें न्यूक्लियंस की संख्या समान होती है। इसी प्रकार, संभारिकों में परमाणु संख्या (या प्रोटॉन की संख्या) में भिन्नता होती है, लेकिन द्रव्यमान संख्या समान ही होती है। संभारिकों की श्रृंखला का एक उदाहरण 40S, 40Cl, 40Ar, 40K, और 40Ca होगा। इन सभी न्यूकलाइडों (nuclides) के नाभिक में 40 न्यूक्लियंस होते हैं। हालाँकि, उनमें प्रोटान और न्यूट्रॉनों की संख्या बदलती रहती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-3 : ‘फ्यूल सेल’ (Fuel Cell) प्रौद्योगिकी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों विचार कीजिये -

  1. यह हाइड्रोजन की रासायनिक ऊर्जा से विद्युत उत्पन्न करती है।
  2. इसका इस्तेमाल इमारतों में विद्युत प्रदान करने के लिये किया जा सकता है, लेकिन लैपटॉप जैसे छोटे उपकरणों के लिये नहीं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-3 : (a)

 

व्याख्या : 

  • ईंधन सेल: यह विद्युत रासायनिक सेल होता है जो ऑक्सीजन या अन्य ऑक्सीकृत एजेंट के साथ एक विद्युत रासायनिक अभिक्रिया द्वारा ईंधन से रासायनिक ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित करता है। अत: कथन 1 सही है।
  • रासायनिक अभिक्रिया को बनाए रखने के लिये यह ईंधन और ऑक्सीजन का एक आवश्यक स्रोत है जो बैटरियों से भिन्न होता है। एक बैटरी में रासायनिक ऊर्जा उसमें पहले से उपस्थित रसायनों से आती है।
  • नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का रासायनिक स्रोतों के ऊर्जा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ईंधन सेल तकनीक का विकास तथा अनुप्रयोग है जो हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के बीच अभिक्रिया द्वारा विद्युत जल तथा ऊष्मा उत्पन्न करती है।
  • ईंधन सेल तकनीकी दक्षता, प्रमाणिकता (modularity), सघनता तथा शोर मुक्त संचालन की सुविधा प्रदान करती है। ईंधन सेल पर्यावरणीय रूप से अनुकूल होता है। ईंधन सेल विकेंद्रित विद्युत उत्पादन तथा ऑटोमोटिव अनुप्रयोग के लिये अनुकूल होते हैं। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • केंद्र सरकार ने हाल ही में एक मसौदा रिपोर्ट जारी की है जिसमें परिवहन क्षेत्र में हाइड्रोजन ऊर्जा तथा ईंधन सेल टेक्नोलॉजी के उपयोग का रोडमैप दिया गया है तथा इसमें यह भी कहा गया है कि यह भारत में हरित अर्थव्यवस्था को और विस्तृत करने का प्रयास है। इस मसौदा रिपोर्ट का शीर्षक है- ‘भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा और ईंधन सेल्स - आगे की राह’।
  • हाइड्रोजन ऊर्जा क्षेत्र के विकास की गति को तेज करने के लिये वर्ष 2006 में भारत ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा बोर्ड का गठन किया है तथा राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा रोडमैप (NHERM) तैयार किया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-4 : नैनो प्रौद्योगिकी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -

  1. अत्यंत सूक्ष्म स्तर पर पदार्थ अपने सूक्ष्म आकार की तुलना में भिन्न तरीके से व्यवहार करता है।
  2. इसका इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों, चिकित्सा निदान और दवा वितरण, जल शुद्धीकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?

(a) केवल I

(b) केवल II

(c) I और II दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

 

उत्तर - ()

 

उत्तर-4 : (c)

 

व्याख्या : 

  • नैनो प्रौद्योगिकी एक परमाणु पैमाने पर पदार्थों से छेड़छाड़ का अध्ययन है। नैनो प्रौद्योगिकी का मुख्य विषय 100 नैनोमीटर से कम के एक पैमाने पर पदार्थ को नियंत्रित करना है, साथ ही साथ इसी लंबाई के पैमाने पर डिवाइसेस की जालसाजी पर लगाम लगाना है।
  • नैनो प्रौद्योगिकी के अंतर्गत विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे पृष्ठ विज्ञान, जैव रसायन, आणविक जीव विज्ञान, अर्द्ध-चालक भौतिकी, ऊर्जा संग्रहण, माइक्रो-फेब्रिकेशन, मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों को शामिल किया जाता है।
  • पहली बार नैनो प्रौद्योगिकी की अवधारणा वर्ष 1959 में विख्यात भौतिक विज्ञानी रिचर्ड फेयन्मन ने दी थी, यद्यपि एरिक द्रेक्स्लेर (eric Drexler) ने इस शब्द को वास्तव में लोकप्रिय किया।
  • नैनो प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों के अनुसार बहुत छोटे पैमाने (नैनो साइज) पर कोई पदार्थ विभिन्न भौतिक और रासायनिक विशेषताओं को प्रदर्शित करता है तथा बड़े पैमाने पर भी यही सिद्धांत लागू होता है। अत: कथन 1 सही है।
  • इसका लगभग सभी क्षेत्रों में विस्तृत अनुप्रयोग है, जैसे- मेडिकल (रोग निदान, रोगों की रोकथाम तथा इलाज), कॉस्मेटिक्स (जैसे सनस्क्रीन), नेनो मेंब्रेन (जल के शुद्धिकरण के लिये), इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (सिलिकन आधारित चिप को हटाकर ट्रांजिस्टर के साथ कार्बन नैनो ट्यूब प्रयोग में लाए जा रहे हैं)। अत: कथन 2 सही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न-5 : हाल ही में समाचारों में रही बोल्ड-क्यू.आई.टी. परियोजना है -

 

(a) भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सी.आई.बी.एम.एस.) के अंतर्गत एक परियोजना।

(b) ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त करने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत एक परियोजना।

(c) इसरो के अंतर्गत भारत के प्रथम मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के साथ एक अग्रगामी परियोजना।

(d) पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों पर ठोस कार्रवाई पर लक्षित एक परियोजना।

         

उत्तर - ()

 

उत्तर-5 : (a)

 

व्याख्या : 

  • असम के धुबरी जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सी.आई.बी.एम.एस.) के अंतर्गत बोल्ड-क्यू.आई.टी. (बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यू.आर.टी. इंटरसेप्शन तकनीक) परियोजना है। अतः विकल्प (a) सही है।
  • धुबरी के नदी क्षेत्र में बाड़ नहीं लगा पाने के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने हेतु गृह मंत्रालय ने सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) की मानव-शक्ति क्षमताओं के विस्तार के लिये तकनीकी समाधान का उपयोग करने का निर्णय लिया।
  • इस परियोजना के कार्यान्वयन से मानव-शक्ति, सेंसर, नेटवर्क, खुफिया सूचनाओं और कमांड व कंट्रोल जैसे समाधानों के एकीकरण में मदद मिलेगी जिससे किसी भी परिदृश्य पर अविलंब व संसूचित निर्णयन और त्वरित कार्रवाई के लिये पदानुक्रम के विभिन्न स्तरों पर सुधार होगा।