नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 214
Posted on September 18th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : ब्लैक होल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- यह शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण का क्षेत्र है।
- केवल प्रकाश ही इससे होकर गुज़र सकता है।
- यह एक निर्वात क्षेत्र है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं हैं?
(a) केवल I, II और III
(b) केवल II और III
(c) केवल I और II
(d) केवल I और III
उत्तर - ()
उत्तर-1 : (b)
व्याख्या :
- ब्लैक होल अंतरिक्ष में एक ऐसा स्थान होता है जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश भी इससे होकर नहीं गुजर सकता है। यह गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल इसलिये होता है क्योंकि इसमें पदार्थ एक बहुत ही छोटे स्थान में संकुचित रहता है। अत: कथन 1 सही है।
- इस तीव्र गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के कारण कोई भी पदार्थ या विकिरण इससे बाहर नहीं निकल सकता है। इस प्रकार प्रकाश भी इससे पार नहीं हो पाता है। इस कारणवश वे अदृश्य होते हैं और ब्लैक होल का पता केवल विशेष उपकरण वाले अंतरिक्ष दूरबीन से लगाया जा सकता है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
- ब्लैक होल किसी भी वस्तु को अपनी ओर नहीं खींचता है। खिंचाव या सक्शन टैब होता है जब किसी वस्तु को निर्वात में खींचा जाता है अत: ब्लैक होल निश्चित रूप से निर्वात नहीं है। अत: कथन 3 सही नहीं है।
- बिग बैंग के तुरंत बाद छोटे आकार के ब्लैक होल बने होंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन ने पहली बार सापेक्षता के अपने सामान्य सिद्धांत के साथ वर्ष 1916 में ब्लैक होल के होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था। वर्ष 1971 में पहले ब्लैक होल की खोज गई जिसे सिग्नस X -1 कहा जाता है।
प्रश्न-2 : गुरुत्वीय तरंगों का निर्माण होता है -
- जब पिंड अत्यधिक तेज़ गति से चलते हैं।
- जब किसी तारे में विषमतापूर्ण ढंग से विस्फोट होता है।
- जब दो बड़े तारे एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं।
- जब दो ब्लैक होल एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए विलीन हो जाते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -
(a) केवल I और II
(b) केवल I और IV
(c) केवल I, III और IV
(d) I, II, III और IV
उत्तर - ()
उत्तर-2 : (d)
व्याख्या :
- वर्ष 2017 का भौतिकी का नोबल पुरस्कार राइनर वाइस, बैरी बैरिश और किप थोर्ने को लिगो (LIGO) डिटेक्टर तथा गुरुत्वीय तरंगों के अवलोकन में योगदान के लिये दिया गया है।
- गुरुत्वीय तरंगें स्थान-समय (space-time) की फैब्रिक में उत्पन्न ‘‘रिपल’’ (लहरें) हैं जो ब्रह्मांड में सबसे अधिक हिंसक और ऊर्जावान प्रक्रियाओं के कारण उत्पन्न होती हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टाइन ने वर्ष 1916 में अपने सामान्य सापेक्षिकता के सिद्धांत (Theory Of Relativity) में गुरुत्वीय तरंगों के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी। आइंस्टाइन की मृत्यु के 20 साल बाद यानी वर्ष 1974 तक इनके अस्तित्व का कोई वास्तविक प्रमाण नहीं मिला था।
- उस वर्ष, प्यूर्टो रिको में एरेसीबो रेडियो वेधशाला में काम कर रहे दो खगोलविदों ने एक बाइनरी पल्सर (एक-दूसरे की परिक्रमा करने वाले दो बेहद सघन और भारी सितारों) की खोज की।
- सितंबर 2015 में लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ओब्ज़र्वेटरी (LIGO) में पहली बार स्थान-समय में वक्रता को भौतिक रूप से महसूस किया गया जो 1.3 बिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो ब्लैक होल के परस्पर टकराने के कारण उत्पन्न हुआ था।
सबसे शक्तिशाली गुरुत्वीय तरंगें उत्पन्न होती हैं जब:
- पिंड बहुत तेज़ गति से घूमते हैं।
- जब किसी तारे में विषमतापूर्ण विस्फोट होता है (इसे सुपरनोवा कहते हैं)।
- जब दो बड़े तारे एक-दूसरे की परिक्रमा करने लगते हैं।
- जब दो ब्लैक होल एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए विलीन हो जाते हैं।
- न्यूट्रोन तारों का थोड़ा तेज़ घूर्णन।
- स्वयं ब्रह्मांड की उत्पत्ति की वजह से निर्मित गुरुत्वीय विकीर्णन के अवशेष के कारण। अत: विकल्प (d) सही हैं।
प्रश्न-3 : हाल ही में समाचारों में रही ‘सिरसी सुपारी’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
- यह एक प्रकार की सुपारी है जिसे हाल ही में भौगोलिक संकेतक का दर्जा दिया गया है।
- इसका उत्पादन मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू तथा लाहौल क्षेत्रों में किया जाता है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
उत्तर-3 : (a)
व्याख्या :
- सिरसी सुपारी मध्यम आकार का, चपटा गोल तथा राख के रंग का कठोर बीज है। हाल ही में यह सुपारी के क्षेत्र में भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त करने वाली पहली वस्तु बन गई है। अतः कथन 1 सही है।
- सिरसी सुपारी को कर्नाटक के पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित उत्तर कन्नड़ ज़िले के सिरसी, सिद्दापुर तथा येल्लापुर तालुक क्षेत्र में उगाई जाने वाली सुपारी के रूप में परिभाषित किया गया है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- सिरसी सुपारी में कार्बोहाइड्रेट की कुल मात्रा लगभग 23 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक होती है।
प्रश्न-4 : राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन-सा सुपरकंप्यूटर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), बनारस हिंदू विश्विद्यालय (बी.एच.यू.) द्वारा निर्मित है?
(a) परम युवा
(b) परम शिवाय
(c) प्रत्यूष
(d) आदित्य
उत्तर - ()
उत्तर-4 : (b)
व्याख्या :
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.) के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के अंतर्गत 32.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ‘परम शिवाय’ (Param Shivay) 883 टेराफलॉप क्षमता का सुपरकंप्यूटर है। अतः विकल्प (b) सही है।
- इस सुपरकंप्यूटर में सी.पी.यू. और जी.पी.यू. सहित 223 प्रोसेसर नोड्स, 384 जी.बी. प्रति नोड DDR4 रैम, पैरेलल फाइल सिस्टम का उपयोग करते हुए 1 पेटाबाइट सेकेंडरी स्टोरेज, उपयुक्त ओपन सोर्स सिस्टम और एप्लीकेशन सॉफ्रटवेयर सेट शामिल होंगे।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इस संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक डाक टिकट और डाक टिकट एल्बम का भी उद्घाटन किया।
- आई.आई.टी.-बी.एच.यू. के आस-पास के इंजीनियरिंग कॉलेजों के वैज्ञानिक, शिक्षक, शोध छात्र और सरकारी शोध प्रयोगशालाएँ भी परियोजनाओं के लाभों का चुनाव कर सकती हैं।
प्रश्न-5 : निम्नलिखित में से कौन हाल ही में समाचारों में रहे ‘मिशन शक्ति’ का सर्वोत्कृष्ट वर्णन करता है ?
(a) एक निम्न कक्षा वाले उपग्रह को लक्षित करने के लिये उपग्रह-रोधी (ए.-सैट) मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रयोग।
(b) पाकिस्तानी बेस पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई।
(c) भारतीय नौसेना में डीजल-विद्युत चालित छ: हमलावर पनडुब्बियों का प्रवेश।
(d) भारत में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिये बहुआयामी रणनीति।
उत्तर - ()
उत्तर-5 : (a)
व्याख्या :
- हाल ही में डी.आर.डी.ओ. द्वारा उपग्रह-रोधी प्रणाली या एंटी-सैटेलाइट सिस्टम (ए.सैट) निम्न भू-कक्षा (एल.ई.ओ.) में एक क्रियाशील उपग्रह को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इस अभियान को ‘मिशन शक्ति’ ̧ नाम दिया गया।
- उपग्रह रोधी प्रणाली (A-SAT) गतिमान उपग्रहों पर हमला करने के लिये मिसाइल आधारित प्रणाली हैं।
- भारत इस मिशन के बाद यू.एस., रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया, जिसके पास ऐसी तकनीक है। अतः विकल्प (a) सही है।