नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 196
Posted on August 15th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : भरत मुनि द्वारा संकलित नाट्यशास्त्र में ‘सुषिरवाद्य’ संदर्भित है -
(a) तार वाद्य यंत्र से
(b) वायु यंत्र से
(c) ताल वाद्य यंत्र से
(d) ऐसे ठोस यंत्रों से, जिनमें ट्यूनिंग (Tuning) की आवश्यकता नहीं होती है
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सुमेलित नहीं है/हैं ?
नृत्य संबंधित राज्य
- मोहिनीअट्टम : तमिलनाडु
- कथक : उत्तर प्रदेश
- सत्तरिया : असम
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -
(a) केवल I
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : मुगल दरबार की मुख्य भाषा फारसी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
- यह राजा, राजपरिवार के सदस्यों और दरबार में मौजूद कुलीन लोगों द्वारा बोली जाती थी।
- जहाँगीर ने सतर्कतापूर्ण तरीके से फारसी को मुगल दरबार की मुख्य भाषा बना दिया था।
- स्थानीय मुहावरों और नई भाषा के इसमें शामिल होने के बाद इसका भारतीयकरण हो गया और फारसी तथा हिंदवी के मिलन से एक नई भाषा उर्दू का जन्म हुआ।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये -
(a) केवल I
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : असम के सत्रिया नृत्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- हाल ही में इसे शास्त्रीय नृत्य का दर्ज़ा दिया गया है।
- इसे वैष्णव मत के प्रचार के एक प्रमुख माध्यम के रूप में पेश किया गया था।
- इस नृत्य के विकास पर असम के लोक नृत्यों का खासा प्रभाव है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : निम्नलिखित में से कौन-सी एक कला कपड़े की हस्तशिल्प कला से संबंधित नहीं है ?
(a) बांधनी कला
(b) बाटिक कला
(c) फिलिग्री कला
(d) ज़ामदानी कला
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (b)
व्याख्या :
ईसा से 200 वर्ष पूर्व से 200 ईस्वी तक भरत मुनि द्वारा संकलित नाट्य शास्त्र में संगीत वाद्यों को उनके ध्वनि उत्पन्न करने के आधार पर चार प्रमुख श्रेणियों में विभक्त किया गया है।
(i)तांत वाद्य अथवा तार वाद्य
(ii)सुषिरवाद्य अथवा वायु वाद्य, अत: (b) सही उत्तर है।
(iii)अवनद्ध वाद्य अथवा चमड़े के वाद्य, आघात-वाद्य यंत्र
(iv)घन वाद्य या ठोस वाद्य यंत्र, जिनमें ट्यूनिंग करने की आवश्यकता नहीं होती है।
उत्तर-2 : (a)
व्याख्या :
8 शास्त्रीय नृत्यों की सूची
- शास्त्रीय नृत्य राज्य
- भरतनाट्यम : तमिलनाडु
- कथकली : केरल
- कथक : उत्तरी और पश्चिमी भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश
- मणिपुरी : मणिपुर
- ओडिसी : ओडिशा
- कुचिपुड़ी : आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- सत्तरिया : असम
- मोहिनीअट्टम : केरल
अत: (1) सुमेलित नहीं है, जबकि (2) और (3) सुमेलित हैं।
उत्तर-3 : (b)
व्याख्या :
- फारसी को मुगल दरबार की मुख्य भाषा अकबर ने बनाया था। ईरान के साथ सांस्कृतिक और बौद्धिक संपर्क के साथ-साथ ईरान से आने वाले प्रवासियों द्वारा निरंतर मुगल दरबार में आते रहने के परिणामस्वरूप संभवत: बादशाह इसे दरबार की मुख्य भाषा बनाने के लिये प्रेरित हुए हों। अत: कथन 2 सही नहीं है।
- फारसी राजदरबार की मुख्य भाषा बन जाने के कारण उन लोगों की प्रतिष्ठा में खासा इज़ाफा हुआ जिनकी फारसी भाषा पर अच्छी पकड़ थी। राजा, राजपरिवार के सदस्यों और कुलीन लोगों द्वारा राजदरबार में फारसी ही बोली जाती थी। अत: कथन 1 सही है।
- इसके अतिरिक्त, प्रशासन के सभी स्तरों पर फारसी ही प्रशासन की मुख्य भाषा बन गई, फलस्वरूप लेखाकर, लिपिक तथा प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों ने भी फारसी सीख ली। साथ ही, जब कभी प्रत्यक्ष रूप से फारसी नहीं भी बोली जाती थी तो राजस्थानी, मराठी और तमिल के आधिकारिक रिकॉर्डों में फारसी की शब्दावलियों और लोकोक्तियों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता था।
हालाँकि, 16वीं और 17वीं सदी में फारसी का इस्तेमाल करने वाले लोग उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों से आए थे और अलग-अलग भारतीय भाषाएँ बोलते थे, इसी तरह भारतीय लोकोक्तियों और मुहावरों को आत्मसात करके फारसी का भी भारतीयकरण हो गया, और हिंदवी तथा फारसी के मिलन से एक नई भाषा ‘उर्दू’ का विकास हुआ। अत: कथन 3 सही है।
उत्तर-4 : (d)
व्याख्या :
- सत्रिया नृत्य को शास्त्रीय नृत्य के रूप में मान्यता दी गई। अत: कथन 1 सही है।
- सत्रिया नृत्य की शुरुआत 15वीं सदी के महान वैष्णव संत और असम के समाज सुधारक महापुरुष शंकरदेव ने वैष्णव धर्म के प्रचार के एक सशक्त माध्यम के रूप में की थी। अत: कथन 2 सही है।
- असमिया नृत्य और नाटक का यह नव-वैष्णव खजाना सदियों से सत्तारों द्वारा शताब्दियों से वैष्णव मठों के रूप में संरक्षित किया गया है। अपने धार्मिक चरित्र और सत्तारों के साथ संबंध होने के कारण, इस नृत्य शैली को सत्रिया नाम दिया गया है।
- नव-वैष्णव आंदोलन से पूर्व असम में दो नृत्य शैलियाँ- ओजपाली और देवदासी प्रचलित थीं।
- ओजपाली नृत्य की दो किस्में अभी भी असम में प्रचलित हैं वे हैं, सुकानन्नी या मारियो गोवा ओजाह और व्याह गोवा ओजाह।
- शंकरदेव ने व्याह गोवा ओजाह को सत्ता के रूप में अपने दैनिक अनुष्ठान में शामिल किया। ओजपाली के कोरस में नर्तक न केवल गाते और नृत्य करते हैं, बल्कि इशारों और शैली के माध्यम से वर्णन भी करते हैं।
- सत्रिया नृत्य पर दृश्य प्रभाव अन्य असमिया लोक नृत्यों- बिहू, बोडो आदि से पड़े हैं। अत: कथन 3 सही है।
उत्तर-5 : (c)
व्याख्या :
- बांधनी कला- इसे अंग्रेज़ी में 'टाई एंड डाई' की तकनीक के रूप में जाना जाता है। कपड़े पर हस्तशिल्प की इस प्राचीन तकनीक के उपयोग के प्रमाण राजस्थान और गुजरात में देखे जा सकते हैं।
- बाटिक कला- यह कपड़े पर सजावट करने की एक खूबसूरत तकनीक है, जिसमें कपड़े के एक सिरे को पिघले हुए मोम में भिगोया जाता है, फिर इसे सुखाकर बाटिक साड़ियाँ तैयार की जाती है। यह मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में प्रसिद्ध है।
- जामदानी कला- जामदानी सजीव पैटर्न वाला, मलमल का कपड़ा होता है, जिसे पारंपरिक रूप से पश्चिम बंगाल के कारीगरों और प्रशिक्षुओं द्वारा हथकरघे पर बुना जाता है। जामदानी अपने रूपांकनों की समृद्धता के कारण काफी अधिक समय लेने वाला एवं श्रम प्रधान कला प्रारूप है। यूनेस्को ने जामदानी साड़ियों के निर्माण की कला को "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत" घोषित किया है।
- ‘फिलिग्री कला’ चांदी के आभूषण बनाने की तकनीक से संबंधित कला है जिसमें चांदी का महीन काम किया जाता है। इसके अलावा अन्य सभी, जैसे- बंधानी कला, बाटिक कला और ज़ामदानी आदि सभी कपड़े के हस्तशिल्प से संबंधित कलाएँ हैं। अत: विकल्प (c) सही नहीं है।