नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 191
Posted on July 31st, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- चावल की लेई एवं वानस्पतिक रंगों का प्रयोग
- दोहरी पंक्ति का किनारा
- नुकीली नोक वाले बाँस का प्रयोग
- हिंदू धार्मिक चित्रों का रूपांकन
उपर्युक्त में से कौन-सी मधुबनी चित्रकला की विशेषताएँ हैं?
(a) केवल I और III
(b) केवल II और IV
(c) केवल I, II और IV
(d) I, II, III और IV
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : निम्नलिखित में से कौन-सा/से मंदिर स्थापत्य कला से संबंधित है/हैं?
- जगमोहन
- पंचायतन
- स्तूपिका
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I और II
(b) केवल II
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : निम्नलिखित मंदिरों में से कौन-सा/से यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल नहीं है/हैं?
- दशावतार मंदिर
- ऐरावतेश्वर मंदिर
- लिंगराज मंदिर
- महाबोधि मंदिर
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I और III
(b) केवल II और IV
(c) केवल I, II और III
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : यक्ष और यक्षिणी की पूजा का संबंध निम्नलिखित में से किस/किन धर्म/धर्मों से है?
- हिंदू
- जैन
- बौद्ध
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला में ‘गोपुरम’ निम्नलिखित में से किसे निर्दिष्ट करता है ?
(a) स्तूप के चबूतरे को
(b) मंदिर के प्रवेश द्वार को
(c) चैत्य के वृहदाकार अलंकृत स्तम्भ को
(d) स्तूप के प्रदक्षिणा पथ को
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (c)
व्याख्या :
मधुबनी चित्रकला को ‘मिथिला चित्रकला’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
♦ हिंदू धार्मिक चित्रों का रूपांकन
♦ चावल की लेई और वानस्पतिक रंगों का प्रयोग
♦ दोहरी पंक्ति का किनारा
♦ अलंकृत पुष्पित पैटर्न
♦ अतिरंजित मुख मुद्राएँ
जबकि, नुकीली नोक वाले बाँस का प्रयोग कलमकारी चित्रकला की विशेषता है। अतः विकल्प (c) सही है।
उत्तर-2 : (d)
व्याख्या :
- उपर्युक्त सभी मंदिर स्थापत्य कला से संबंधित हैं।
- ‘जगमोहन’ को ओडिशा के मंदिरों के सभा भवन के रूप में जाना जाता है। ‘जगमोहन’ के सामने नट-मंडप एवं भोग-मंडप होते हैं।
- यदि एक मुख्य मंदिर और चारों कोनों पर चार छोटे-छोटे मंदिर हों तो मंदिर वास्तुकला में इस प्रकार के मंदिरों को ‘पंचायतन’ कहा जाता है। खजुराहो और ओडिशा के मंदिर इस श्रेणी में आते हैं।
- द्रविड़ शैली के मंदिरों के शिखर के ऊपर ‘स्तूपिका’ होती है। अतः विकल्प (d) सही है।
उत्तर-3 : (a)
व्याख्या :
निम्नलिखित मंदिरों को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया गया है:
- सूर्य मंदिर, कोणार्क (ओडिशा)
- महाबलीपुरम मंदिर (तमिलनाडु)
- बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर (तमिलनाडु)
- ऐरावतेश्वर मंदिर, दारासुरम (तमिलनाडु)
- महाबोधि मंदिर, बोध गया (बिहार)
अतः विकल्प (a) सही है।
उत्तर-4 : (d)
व्याख्या :
- यक्ष प्रेत या अर्द्ध-दैवीय व्यक्ति हैं जिनका वर्णन हिंदू, बौद्ध और जैन साहित्यों में पृथ्वी के अप्रत्यक्ष निवासियों और खजानों के संरक्षक के रूप में किया गया है। महिला साथी जिनको यक्षिणी के नाम से जाना जाता है, वे अपनी सुंदरता के लिये जानी जाती हैं। अतः विकल्प (d) सही हैं।
- यक्ष और यक्षिणी के संदर्भ में विवरण महाकाव्यों, पुराणों और कालिदास की रचनाओं में पाए जाते हैं।
- बौद्ध और जैन कलाओं में इन्हें बोधिसत्व और तीर्थंकरों के सहायक तथा देवताओं के रूप में दर्शाया गया है।
- भारत की कुछ जनजातीय प्रथाओं में यक्ष और यक्षिणी को स्थानीय देवता के रूप पूजा जाता था।
उत्तर-5 : (b)
व्याख्या :
- प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला में ‘गोपुरम’ मंदिर के प्रवेश द्वार को कहा जाता है। गोपुरम एक आयताकार चतुष्कोण है जिसका आकार कभी-कभी चौकोर भी होता है। गोपुरम दक्षिण भारत के मंदिरों से संबंधित है। अतः विकल्प (b) सही है।
- गोपुरम बौद्ध प्रवेश द्वार की उत्पत्ति से संबंधित हो सकता है, जैसे साँची एवं भरहुत स्तूप के तोरण (द्वार)।
- स्तूप के चबूतरे को ‘मेधि’ कहते हैं। इस पर स्तूप का मुख्य भाग आधारित होता है।