नियमित अभ्यास क्विज़ (Daily Pre Quiz) - 188
Posted on July 29th, 2019 | Create PDF File
प्रश्न-1 : चक्रवातों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
- चक्रवातों का विकास केवल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होता है।
- चक्रवात में पवन की दिशा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सूई की दिशा में तथा उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सूई की दिशा के विपरीत होती है।
- पश्चिमी प्रशांत में इन्हें टाइफून तथा वेस्टइंडीज़ में हरीकेन के नाम से जाना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I और II
(b) केवल I और III
(c) केवल II और III
(d) I, II और III
उत्तर - ()
प्रश्न-2 : वर्षण प्रतिरूप और सूखा पर निम्नलिखित में से किस घटना/किन घटनाओं का प्रभाव हो सकता है ?
- ग्लोबल वार्मिंग
- ENSO
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-3 : वर्षण के विभिन्न रूपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये -
- जब तापमान 0°C से कम हो, तब हिम के सूक्ष्म कणों के रूप में वर्षण होता है, इसे बर्फबारी के नाम से जाना जाता है।
- सहित वृष्टि (Sleet) जमी हुई वर्षा की बूंदें हैं या पिघली हुई बर्प के पानी की जमी हुई बूंदें।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल I
(b) केवल II
(c) I और II दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - ()
प्रश्न-4 : निम्नलिखित में से कौन-से वर्षण के प्रकार हैं ?
- बर्फबारी
- ओलावृष्टि
- संवहनीय
- तुषारापात
- चक्रवाती
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल III और V
(b) केवल I, II और IV
(c) केवल I, III और V
(d) I, II, III और V
उत्तर - ()
प्रश्न-5 : निम्नलिखित मौसमी दशाओं में से कौन-सी वायुदाब मापी (Barometer) में अचानक गिरावट को इंगित करती है ?
(a) तूफानी मौसम
(b) शांत मौसम
(c) ठंडा और शुष्क मौसम
(d) गर्म और धूप वाला मौसम
उत्तर - ()
उत्तरमाला
उत्तर-1 : (c)
व्याख्या :
- चक्रवात एक तूफान या हवा की प्रणाली है जो कम वायुमंडलीय दबाव के केंद्र के चारों ओर घूमता है। ये उष्णकटिबंधीय तथा समशीतोष्ण दोनों क्षेत्रों में उत्पन्न होते हैं। अत: कथन 1 सही नहीं है।
- प्रतिचक्रवात हवाओं की ऐसी प्रणाली है जो उच्च वायुमंडलीय दाब वाले केंद्र के चारों और घूर्णन करता है।
- चक्रवात (सामान्यत: चढ़ाव के नाम से जाने जाते हैं), वर्षा, बादल और खराब मौसम के अन्य रूपों के सूचक होते हैं। प्रतिचक्रवात (प्राय: उतार के रूप में जाने जाते हैं) अच्छे मौसम की भविष्यवाणी करते हैं।
- उत्तरी गोलार्द्ध में चक्रवात की दिशा घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के अनुकूल होती है। अत: कथन 2 सही है।
- प्रति चक्रवात में हवा इसके विपरीत बहती है। चक्रवात तथा प्रतिचक्रवात दोनों में हवा की गति ऊर्ध्वाधर होती है।
- चक्रवात में स्थल के समीप की वायु पर चक्रवात के केंद्र की ओर अंदर की तरफ बल कार्य करता है, जहाँ दाब निम्नतम होता है। तब इसकी प्रक्रिया में ऊपर उठना, फैलना और शीतलन आरंभ होता है। यह शीतलन ऊपर उठती हुई हवा की आर्द्रता को बढ़ा देती है जिसके परिणामस्वरूप चक्रवात में बादल तथा उच्च आर्द्रता उत्पन्न होती है।
- प्रति चक्रवातों में यह स्थिति विपरीत होती है। प्रति चक्रवात में केंद्र की वायु पर उच्च दाब बाहर की तरफ कार्य करता है। यह हवा केंद्र में उच्च अक्षांशों से नीचे की तरफ आने वाले प्रारूपों के द्वारा स्थानांतरित हो जाती है। चूँकि यह हवा नीचे की तरफ बहती है इसलिये यह दबावयुक्त तथा गर्म होती है। यह गर्मी नीचे आती हुई वायु की आर्द्रता को कम कर देती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिचक्रवात में बादल और आर्द्रता की कमी होती है।
हरिकेन तथा टायफून
- चक्रवात, जिनकी उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय महासागरों में होती है उन्हें उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहते हैं (ये उष्णकटिबंधीय तूफान या उष्णकटिबंधीय विषाद के नाम से भी जाने जाते हैं)।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात प्राय: व्यापारिक पवनों के साथ पश्चिम की ओर बहते हैं। उष्णकटिबंधीय तूफान जब अटलांटिक महासागर या निकटवर्ती समुद्रों में उत्पन्न होते हैं उनकी सघनता तेज़ी से बढ़ती है तब इन्हें हरिकेन कहते हैं।
- हरिकेन के रूप में वर्गीकृत किये जाने के लिये एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात में हवा की गति 74 मील (119 किमी.) प्रति घंटा से अधिक होनी चाहिये।
- हरिकेन प्राय: पश्चिमी अफ्रीका के तटों पर विकसित होते हैं तथा पश्चिम की तरफ मध्य अमेरिका और पूर्वी संयुक्त राष्ट्र की तरफ चलते हैं। जब तक वे स्थल या उच्च अक्षांशों की तरफ नहीं पहुँचते उनका आकार तथा शक्ति बढ़ती जाती है। उच्च, निरंतर हवा के साथ-साथ हरिकेन भारी वर्षा तथा विनाशकारी समुद्री लहरें भी लाते हैं।
- पश्चिमी प्रशांत महासागर और निकटवर्ती समुद्रों में हरिकेन को टायफून नाम से जाना जाता है। यह शब्द केंटोनीज शब्द Tai-Fung से बना है जिसका अर्थ है ‘‘तेज़ हवा’’। अत: कथन 3 सही है।
उत्तर-2 : (c)
व्याख्या :
- सूखा एक निश्चित क्षेत्र में औसत से कम वर्षण की अवधि है जिसमें लंबी समयावधि तक पानी की कमी हो जाती है चाहे वह भूजल हो, सतही जल हो या वायुमंडलीय जल। सूखे की स्थिति कुछ महीनों या वर्षों तक हो सकती है या लगभग 15 दिनों के बाद घोषित किया जा सकता है।
- वैश्विक तापन वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करता है- भूमि, जलीय सतह और पौधों से होकर वायुमंडल में जल का संचार वाष्पोत्सर्जन और वाष्पीकरण के कारण होता है- जिसे निम्नलिखित को बढ़ाने के लिये उत्तरदायी माना जाता है:
♦ शुष्क क्षेत्रों में सूखे की स्थिति में वृद्धि करना।
♦ शुष्क क्षेत्रों का विस्तार।
अत: कथन 1 सही है।
एल नीनो के दक्षिणी दोलन में तीन चरण शामिल हैं: एल नीना, ला नीनो और तटस्थ। एल नीनो- दक्षिणी दोलन (ENSO) वैश्विक जलवायु से संबंधित घटनाएँ हैं जो कई प्रकार की जलवायु संबंधी विसंगतियों से जुड़ी हुई है। सांख्यिकीय साक्ष्य के अनुसार ENSO वार्षिक वर्षा भिन्नता के लगभग 50% का लेखा-जोखा प्रदर्शित करता है, किंतु कई प्रकार की गंभीर विसंगतियों जैसे कि भीषण सूखा, बाढ़ और तूफान आदि के भी ENSO से मजबूत संबंध हैं। अत: कथन 2 सही है।
उत्तर-3 : (c)
व्याख्या :
- स्वंतत्र हवा में लगातार संघनन की प्रक्रिया संघनित कणों के आकार को बढ़ाने में सहायता करती है। जब हवा का प्रतिरोध गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध उनको रोकने में विफल हो जाता है, तो ये पृथ्वी की सतह पर गिरते हैं। इसलिये जलवाष्प के संघनन के बाद नमी के मुक्त होने की अवस्था को वर्षण (Precipitation) कहा जाता है।
- वर्षण तरल या ठोस अवस्था में हो सकता है। जब यह पानी के रूप में होता है तो उसे वर्षा (Rainfall) कहा जाता है। जब तापमान 0°C से कम होता है तो वर्षण सूक्ष्म हिमतूलों के रूप में होता है, जिसे हिमपात (Snowfall) कहा जाता है। नमी षट्कोणीय रवों (Crystels) के रूप में मुक्त होती है। ये रवे हिमतूलों का निर्माण करते हैं। अत: कथन 1 सही है।
- वर्षा और हिमपात के अलावा सहिम वृष्टि (Sleet) और करकापत (Hail) वर्षण के अन्य प्रकार हैं। हालाँकि, करकापात काफी सीमित मात्रा में होता है एवं समय और स्थान के दृष्टिकोण से कभी-कभार होने वाली ही घटना हैं। सहिम वृष्टि जमी हुई वर्षा की बूँदें या पिघली हुई बर्फ के पानी की जमी हुई बूँदें हैं। जमाव बिंदु के तापमान के साथ जब वायु की एक परत सतह के नजदीक आधे जमे हुए परत पर गिरती है तब सहिम वृष्टि होती है। अत: कथन 2 सही है।
- वर्षा की बूँदे जो गर्म हवा से निकलती हैं तथा नीचे की ओर ठंडी हवा से मिलती हैं। इसके परिणामस्वरूप, वे ठोस हो जाती हैं तथा सतह पर वर्षा की बूँदों से भी छोटे आकार में बर्फ के रूप में गिरती हैं।
- कभी-कभी वर्षा की बूँदें बादल से मुक्त होने के बाद बर्फ के छोटे गोलाकार ठोस टुकड़ों में परिवर्तित हो जाती हैं तथा पृथ्वी की सतह पर पहुँचती हैं जिसे ओलापत्थर (Hailstones) कहा जाता है। इनका निर्माण वर्षा के जल के ठंडी परतों से गुजरने पर होता है। ओलापत्थर में एक के ऊपर एक बर्फ की कई संकेंद्रीय परतें होती हैं।
उत्तर-4 : (a)
व्याख्या :
वर्षण: जलवाष्प के संघनन के बाद, आर्द्रता के मुक्त होने को वर्षण के रूप में जाना जाता है। यह तरल या ठोस रूप में हो सकता है। जल के रूप में वर्षण वर्षा कहलाती है, जब तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से कम होता है, वर्षा बर्फ की महीन परतों के रूप में होती है और इसे बर्फबारी कहा जाता है।
वर्षण के प्रकार
- संवहनीय वर्षा: हवा गर्म होने पर हल्की हो जाती है और संवहन धाराओं के रूप में ऊपर उठती है। जैसे ही यह उठती है, यह फैलती है एवं ऊष्मा को मुक्त करती है। परिणामस्वरूप संघनन होता है और मेघपुंज बादलों का निर्माण होता है। गर्जन एवं बिजली के साथ भारी बारिश होती है लेकिन यह लंबे समय तक जारी नहीं रहती है। ऐसी बारिश गर्मियों में या दिन के गर्म हिस्से में सामान्य होती है। यह भूमध्यरेखीय क्षेत्रों और महाद्वीपों के आंतरिक हिस्सों में बहुत सामान्य है, विशेष रूप से उत्तरी गोलार्द्ध में।
- पर्वतीय वर्षा: जब संतृप्त वायु द्रव्यमान पर्वत पर आता है, यह चढ़ने के लिये बाध्य हो जाता है और जैसे ही यह उठता है यह फैलता है, तापमान गिरता है और आर्द्रता संघनित हो जाती है। इस प्रकार की बारिश की प्रमुख विशेषता है कि हवादार ढलानों में अधिक बारिश होती है। ऊपरी ढलानों पर वर्षा करने के बाद जब ये हवाएँ अन्य ढलान पर पहुँचती हैं, ये नीचे उतरती हैं और इनका तापमान बढ़ता है। तब इनकी आर्द्रता को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ती है इसलिये निचली ढलाने पुन: वर्षाविहीन एवं शुष्क रहती हैं। निचली ढलान पर स्थित क्षेत्र, जो कम वर्षा प्राप्त करता है वृष्टि-छाया क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यह राहत बारिश के रूप में भी जाना जाता है। यह उच्चावच वर्षण के रूप में भी जाना जाता है।
- चक्रवातीय वर्षा: इसकी उत्पत्ति व्यापक वायु द्रव्यमान के अभिसरण के कारण वायु के ऊपर की ओर बढ़ने के कारण होती है।
इस प्रकार दिये गए प्रकारों में चक्रवातीय एवं संवहनीय वर्षा के प्रकार हैं जबकि बर्फबारी, ओला एवं ओले के साथ वर्षा वर्षण के रूप हैं। अतः विकल्प (a) सही है।
उत्तर-5 : (a)
व्याख्या :
- बैरोमीटर एक मौसम विज्ञान संबंधी उपकरण है जिससे वायुमंडलीय दाब को मापा जाता है। मौसम विज्ञान का अध्ययन करने वाले मौसम विज्ञानियों द्वारा बैरोमीटर का प्रयोग मौसम में होने वाले बदलावों की भविष्यवाणी करने में किया जाता है, इसमें यह तथ्य कारगर होता है कि वायुदाब में कोई परिवर्तन मौसम में होने वाला परिवर्तन है। बैरोमीटर में होने वाली उठान मौसम में सुधार होने का संकेत है तथा बैरोमीटर में गिरावट का अर्थ प्राय: तूफान होता है। अगर बैरोमीटर में उठान हो रही है तो इसका अर्थ यह है कि वायुदाब बढ़ रहा है, वहीं अगर इसमें गिरावट हो रही है तो इसका अर्थ है कि वायुदाब कम हो रहा है।
- वायु पूर्व निश्चित तरीके से उच्च से निम्न वायुदाब की तरफ मुड़ती है, जैसे कि गिरते हुए बैरोमीटर की रीडिंग तूफान आने का एक संकेत होती है।
- इसके अलावा, वायुदाब रीडिंग का प्रयोग करते हुए उग्र तूफानों के संचलन जैसे कि, हरीकेन और टोरनेडो का भी परीक्षण किया जा सकता है। बैरोमीटर रीडिंग द्वारा हरीकेन की तीव्रता का मापन किया जा सकता है, जैसे-जैसे हरीकेन मजबूत होता जाता है, इसके वायुदाब में कमी आती जाती है। अतः विकल्प (a) सही है।